महिलाओं के साथ लूट, छीनाझपटी, छेड़छाड़, अपहरण, रेप आदि घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं। महिलाएँ सिर्फ घर से बाहर ही नहीं अपने घर में भी सुरक्षित नहीं हैं। चाहे कॉलेज में हों,या नौकरीपेशा महिला हो या हाउसवाइफ हो, हर जगह उन्हें अपनी सुरक्षा का खतरा बना ही रहता है।
अधिकतर लड़कियां रोज रोज की इन बदतमीजियों से तंग आकर या तो घर से बाहर निकलना ही बंद कर देती हैं या फिर डरकर कुछ कह नहीं पाती हैं। कई लडकियाँ तो आत्महत्या तक कर लेती है ।उनमे देहशत इतनी बढ़ जाती है। की वे ऐसा कदम भी उठा लेती है फिर इन सब से परेशान करने वाले अप्राधियो का हौसला और बढ़ जाता है।