3. संपत्ति का अधिकार
शादी के बाद पति की संपत्ति में महिला का मालिकाना हक नहीं होता लेकिन पति की जितनी आमदनी है उसमे से आधा एक नारी का अधिकार है वैवाहिक विवादों से संबंधित मामलों में कई कानूनी प्रावधान हैं, जिनके जरिए पत्नी गुजारा भत्ता मांग सकती है अपने पति से वह उसका अधिकार है।
4.पैतृक संपत्ति
कोई भी नारी अपने हिस्से की पैतृक संपत्ति को अपने मन के अनुसार उपयोग कर सकती है। वह चाहे तो उस संपत्ति को बेच सकती है। या अपनी इच्छा से किसी को भी दे सकती है। इसमें कोई दखल नहीं दे सकता। सीधा मतलब यह हुआ की महिला इस संपत्ति का वसीयत कर सकती है और अपने इच्छा अनुसार उपयोग में ला सकती है।