ताजमहल की सुन्दरता के बारे में तो सब जानते हैं पर इससे जुड़े रहस्य बहुत ही कम लोग जानते होंगे। आज हम आपको ताजमहल के ऐसे ही कुछ रहस्यों से अवगत कराने जा रहे है।
यदि आप ताजमहल जाने वाले है या जाने की सोच रहे है तो इन बातों पर ज़रा ध्यान दें क्योंकि ताजमहल सिर्फ प्यार का ही प्रतीक नही हैं बल्कि ये पूरे संसार में आकर्षण का केंद्र भी हैं इसके अलावा इसकी खूबियाँ भी ऐसी हैं कि आप दाँतों टेल उंगली दबा लेंगे। इसलिए इस ईमारत को दुनिया के सात अजूबों में भी शामिल किया गया है। इस खुबसूरत और प्यार की निशानी कहे जाने वाले ताजमहल को किसने और किसके लिए बनवाया था , ये तो हम सब जानते ही है परन्तु इसके बावजूद ऐसी बहुत सी बातें हैं जो इस ईमारत से जुडी हैं लेकिन आपको वो सब शायद ही पता हो इसलिए हम इस पोस्ट के जरिए आपको वो सब बताने जा रहे हैं –
1. ताजमहल के मकबरे की छत में छेद
ताजमहल के मकबरे की छत में एक छेद है। जिसके पीछे भी बहुत ही दुखभरा कारण है। कहा जाता है कि शाहजहाँ ने उन सभी मजदूरों के हाथ काटने के निर्देश दे दिए थे, जिन्होंने इस सुंदर ईमारत का निर्माण किया था। क्योंकि वो चाहते थे की ताजमहल जैसी खुबसूरत ईमारत कोई और ना बने। शाहजहाँ के इस फैसले से नाराज़ मजदूरों ने जान बुझकर मकबरे में एक छेद छोड़ दिया था। जिसकी वजह से बारिश के मौसम में आज भी वहाँ पानी टपकता रहता है।
लेकिन मजदूरों के हाथ कटवाने की बात में सच्चाई नज़र नहीं आती, जरा इतिहास पर गौर करते हैं, तो जिन मजदूरो ने ताजमहल जैसी इमारत को बनाया था इसके बाद भी उन्ही मजदूरो ने कई भव्य इमारतों को बनवाने में अपना योगदान दिया था,
इतिहास में मौजूद जानकारी के अनुसार उस्ताद अहमद लाहौरी उस दल का हिस्सा थे, जिन्होंने ताजमहल जैसी खुबसूरत इमारत को बनाया था और उस्ताद अहमद की देखरेख में ही लाल किले के निर्माण का कार्य शुरू हुआ था।
2. ताजमहल के गुंबद को बांस से ढकना
जी हाँ द्वितीय विश्व युद्ध, 1971 भारत-पाक युद्ध और 9/11 के बाद ताजमहल को पहली बार बांस से ढक दिया गया था । इस शानदार इमारत की सुरक्षा को देखते हुए भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग [ ASI (Archaeological Survey of India) ] ने ताज के चारों तरफ बांस से एक सुरक्षा घेरा बनाने के बाद उसे हरे रंग की चादर में ढक दिया था, ताकि दुश्मनों को इस खुबसूरत ईमारत के बारे में पता न चल पायें । और ताजमहल को किसी भी तरह की क्षति होने से बचाया जा सके ।
3. शाहजहाँ ने जब पहली बार ताजमहल को देखा
क्या आप जानते की जब शाहजहाँ ने पहली बार ताजमहल को देखा तो देखते ही वो उसकी सुन्दरता के कायल हो गए और उनके मुख से निकल पड़ा कि “ ये सिर्फ प्यार की कहानी ही बयां नही करेगा बल्कि उन साभी को दोष मुक्त करेगा जो इस पाक़ जमीं पर कदम रखेंगे और इसकी गवाही चाँद तारे भी देंगे “ ।
4. शाहजहाँ ने मजदूरों के हाथ कटवा दिए?
ऐसा कहा जाता ही कि ताजमहल बनने के बाद शाहजहाँ ने ऐलान कर दिया था कि जिन कारीगरों ने ताजमहल को बनाया हैं, उन सब के हाथ काट दिए जाएं । इस बात पर विश्वास करना मुश्किल हैं । अब पता नही इस बात में कितना सच हैं ये तो आपको नही बता सकते क्योकि इस बात की अभी तक पुष्टि नही हुई हैं और तो और कुछ लोग इस बात पर संदेह भी करते है। परन्तु ये भी कहा जाता हैं कि ताजमहल के बाद भी कई इमारतों को बनवाने में उन लोगों का योगदान रहा था । उनमें से एक हैं उस्ताद अहमद लाहौरी, जिसने ताजमहल को बनाया था और लाल किले का निर्माण का कार्य भी उन्हीं की देख-रेख में शुरू हुआ था ।
5. ताजमहल की मीनारें
ताजमहल के मुख्य गुम्बंद के चारों तरफ मीनारें हैं । ये चारों मीनार इस की तरफ झुकी हुई हैं इनके झुके होने का रहस्य यह हैं कि यदि कभी भूकंप या प्राकृतिक आपदा आ जाए और ये मीनारें गिर भी जाए तो ताजमहल के मुख्य गुम्बंद को कोई हानि न हो ।
6. ताजमहल को बेच दिया गया था
ऐसा भी कहा जाता हैं कि बिहार के एक प्रसिद्ध ठग जिसका नाम नटवरलाल था उसने ताजमहल को मंदिर बताकर बेच दिया था । इस बात की पुष्टि हम नही कर सकते परन्तु ऐसा कहा जाता हैं ।