आस्था भी है और व्यापार भी

आस्था भी है और व्यापार भी (  )

हिंदू धर्म में मुंडन के नाम पर अधिकतर पुरुष ही अपने बाल अर्पण करते हैं धार्मिक आस्था कभी कभी व्यापार में भी मददगार हो जाती है हिन्दुओं की धार्मिक मान्यता मुण्डन (केश दान) इसका एक उदाहरण है तमिलनाडु के तिरूथतानी में बड़ी संख्या में महिलाएं अपनी मन्नत पूरी हो जाने के बाद मुण्डन कराती हैं।

होता है ये –

  • यहाँ हिन्दुओं में मान्यता है कि कोई ‘मन्नत’ पूरी होने पर मुण्डन करवाया जाता है ।पुरुषों के मुंडन करवाने पर बाल की लंबाई छोटी होती है ।लेकिन जब महिलाएं अपना मुंडन करती है ।तो उनके केश काफी बड़े होते हैं। जिनका कि व्यापारिक दृष्टि से भी काफी महत्व बढ़ जाता है। मंदिर प्रशासन भी इन दान किए हुए बालों की नीलामी कर देता है ताकि इससे उन्हें कुछ आय प्राप्त हो सके।
  • बाल खरीदने वाली कंपनियां महिलाओं और बच्चों के दान किए बालों की अच्छी कीमत दे देती है। क्योंकि इन बालों से अच्छे विग तैयार किए जा सकते हैं। इन तैयार किए गए विगों को कंपनियां पूरे विश्व में अच्छे दामों पर बेचती है।
  • तमिलनाडु के तिरूथतानी धर्मस्थल में बड़ी संख्या में महिलाएं अपनी मन्नत पूरी हो जाने के बाद मुण्डन कराती हैं। तमिलनाडु से होने वाले बालों के निर्यात में एक चौथाई मंदिरों में किए केश दान से आता है ।मंदिर, मुण्डन से प्राप्त बालों की नीलामी करते हैं। नीलामी में प्राप्त बालों की साफ सफाई करने के बाद कंपनियां विगों में तब्दील करती है।
  • यहाँ आपको ऐसी औरते दिख जाएंगी जो कि महिलाओं के बालों को घर—घर से इकट्ठा करते हुए दिख जाएगी। वह इन बालों के बदले में उन्हें कांच की कटोरी आदि सामान देती है। लेकिन यह बाल महिलाओं के मुंडन के नहीं होते बल्कि जब वह कंघी करती है तो जो बाल उनके झड़ते हैं वह उन्हें इकट्ठा करते चलती है। और मोहल्ले में जब यह बाल लेनी वाली औरतें आती है तो उन्हें बाल देकर उनके बदले कुछ सामान उनसे ले लेती है। जो बाल फेंकने में जाने थे उनके बदले उन्हें कुछ मिल जाता है तो उनके लिए यह फायदा ही है।
  • इन बालों से बने विगों को बाद में अमरीका,यूरोप और अफ्रीका में अच्छी खासी कीमत पर बेचा जाता है ।राज हेयर इंटरनेशनल कैंसर मरीज़ों को विग दान में देता है। यह कंपनी कई देशों में विगों को निर्यात करती है। महिलाओं और बच्चों के मुण्डन से मिले बालों से काफी बड़ा हिस्सा विग बनाने के काम आता है।
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