20 कानूनी अधिकार जो हर भारतीय नागरिक को जानना बेहद जरुरी है

  1. शारीरिक सम्बन्ध

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एक शादीशुदा व्यक्ति किसी भी अविवाहित लड़की या विधवा महिला से उसकी सहमती से शारीरिक सम्बन्ध बनाता है, तो यह अपराध की श्रेणी में नहीं आता है।

भारतीय दंड संहिता व्यभिचार, धारा 498

  1. लिव इन रिलेशनशिप

यदि दो वयस्क युवक या युवती अपनी मर्जी से लिव इन रिलेशनशिप में रहना चाहते हैं तो यह गैर कानूनी नहीं माना जाता है। इन दोनों से जन्मी संतान भी गैर कानूनी नहीं मानी जाती है। उनके द्वारा जन्मी संतान को अपने पिता की संपत्ति में हक़ भी मिलेगा।

घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005

  1. पुलिस अधिकारी ये नहीं कह सकता

पुलिस अधिकारी

पुलिस अधिकारी हमेशा ही ड्यूटी पर होता है चाहे उसने यूनिफार्म पहनी हो या नहीं पहनी हो । यदि कोई पीड़ित व्यक्ति इस अधिकारी से कोई शिकायत करता है तो वह यह नहीं कह सकता कि वह पीड़ित की मदद नहीं कर सकता क्योंकि वह ड्यूटी पर नहीं है।

पुलिस एक्ट,1861

  1. टैक्स उल्लंघन पर

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यदि कोई टैक्स उल्लंघन करता है तो कर वसूली अधिकारी को टैक्स उल्लंघन करने वाले को गिरफ्तार करने का अधिकार है। लेकिन गिरफ्तार करने से पहले उसे नोटिस भेजना जरुरी होता है। केवल टैक्स कमिश्नर ही यह फैसला करता है कि आपको कितनी देर तक हिरासत में रहना है।

आयकर अधिनियम, 1961

  1. तलाक इन कारणों से लिया जा सकता है

तलाक

हिंदू मैरिज एक्ट के तहत कोई भी पति या पत्नी कोर्ट में इन कारणों से तलाक के लिए अर्जी दे सकता है-

  • शादी से बाद अपने पति/पत्नी के अलावा किसी अन्य के साथ शारीरिक संबंध बनाना
  • शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना
  • नपुंसकता
  • बिना बताए छोड़कर जाना
  • हिंदू धर्म छोड़कर कोई और धर्म अपनाना
  • पागलपन
  • लाइलाज बीमारी
  • वैराग्य लेने और सात साल तक कोई अता-पता न होने के आधार पर तलाक की अर्जी दी जा सकती है।

हिंदू मैरिज एक्ट की धारा-13

No Data
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