Baba Mohan Ram ki Aartiyan – बाबा मोहनराम के सभी प्यारे-प्यारे भक्तों के लिए आज हम हिंदी रसायन पर दो बड़ी ही सुन्दर आरतियां (1. जगमग जगमग जोत जली है मोहन आरती होने लगी है.. 2. आरती बंसी वाले की साफ मन तन के काले की..) प्रकाशित कर रहे है। बाबा जी की आरती image format में भी आप डाउनलोड कर सकते है।
जगमग जगमग जोत जगी है, मोहन आरती होन लगी है
Jag Mag Jag Mag jyot jagi hai Mohan Aarti Hon Lagi Hai
जगमग जगमग जोत जली है, मोहन आरती होन लगी है।
पर्वत खोली का सिंहासन, जाह पे मोहन लाते आसन।।
वो मंदिर में देते भाषण, कला मोहन की बोहोत बड़ी है।। ।।
मोहन आरती होने लगी है। जगमग जगमग ……
मोहन दया जीवों पे करना, हम बालक हैं तेरी शरणा।
काली खोली कला जगी है, मोहन आरती होने लगी है।।
जगमग जगमग ……
यहाँ पे मन सब राखियों सच्चा, चाहे बूढ़ा चाहे बच्चा।
मोहन राम ने विपत हरी हैं, मोहन आरती होने लगी है।।
जगमग जगमग ……
प्रेम से मिलकर शक्कर बाटों, बाबा जी का जोहड़ छांटो।
मोहन राम से लगन लगी हैं। मोहन आरती होन लगी हैं।।
जजगमग जगमग ……
आरती बंसी वाले की साफ मन तन के काले की
Aarti Bansi wale ki saaf man tan ke kaale ki…
आरती बंसी वाले की साफ मन तन के काले की।
आप मथुरा में जन्माएं, पिता ले गोकुल में आए।।
छवि है नंद के लाले की, साफ मन तन के काले की।। ।।
आरती बंसी वाले की साफ मन तन के काले की…
चेराई गौ यमुना तट पे, मुरलिया नित् बाजी वट पे।
छवि गउओं के ग्वाले की, साफ मन तन के काले की।।
आरती बंसी वाले की ……
मारे दिए जरासंध शिशुपाल, कंस पापी का कर दिया काल।
आरती जग रखवाले की, साफ मन तन के काले की।।
आरती बंसी वाले की……
शरण में आया है रामपाल, श्याम मेरा भी करना ख्याल।
लाज रख गाने वाले की, साफ मन तन के काले की।।
आरती बंसी वाले की …….