संध्या अपने बच्चो को पढ़ा लिखा कर बड़ा अफ्सर बनान चाहती है ,कुली का काम करने के लिए रोज वो 45 किलोमीटर की दूरी तय कर पहले जबलपुर फिर वहा से कटनी जाती है। वह अपनी बूढी सास की भी देखभाल करती है संध्या 2017 से ही कुली का काम कर रही है।
बच्चो की परवरिश के लिए, जब एक माँ बन गयी कुली
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