साक्षरता का है आन्दोलन ,चिन्तन का विस्तार कहाँ है
जन जन में जो फैल रही उस शिक्षा में संस्कार कहा है
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बड़ी-बड़ी खोजे सकल विश्व में अपना हिंदुस्तान कहाँ है
आओ खोजे सकल विश्व में अपना हिंदुस्तान कहाँ है
महानगर में गगन चुमते ऊँचे-ऊँचे भवन खड़े है
बड़े-बड़े भवनों में झाँके तो टूटे परिवार पड़े है
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टी .वी ,रेडियो बज रहे है,पर आपस में बात बंद है
अब की कविता लगती जैसे परिवारों का भंग छंद है
जन्म-जन्म के बंधन वाला बोले देव विधान कहाँ है
आओ खोजे सकल विश्व में हिंदुस्तान कहाँ है