माता वैष्णो भवन में दोनों समय की आरती के दौरान बोली जाने वाली क्षमा प्रार्थना “क्षमा करो अपराध, शरण माँ आया हूँ (Kshama kro apradh sharan maa aaya hu..) नीचे दी जा रही है। रोजाना वैष्णो देवी लाइव आरती के साथ आप भी इस क्षमा प्रार्थना को साथ-साथ दोहराकर माता की कृपा प्राप्त करें।
Shama Karo Apradh Hindi Lyrics
क्षमा करो अपराध, शरण माँ आया हूँ
माता वैष्णो द्वार में शीश झुकाया हूँ
देवों के सब संकट तारे
रक्त बीज मधु-कैटभ मारे
शुम्भ निशुम्भ असुर संघारे
किया भगत कल्याण, शरण माँ आया हूँ
बालकपन खेलों में गवायाँ
यौवन विषयों में भरमाया
बुढापन कुछ काम न आया
जीवन सफल बनाओ, शरण माँ आया हूँ
धन यौवन का साथ नहीं है
विदयाधन कुछ पास नहीं है
नाम बड़ा नहीं काम बड़ा नहीं
नहीं बड़ा कुल धाम, शरण माँ आया हूँ
धर्म मार्ग मुझको न सुहाते
सदा कुमार्ग मुझको भाते
मन चंचल तेरा ध्यान न करता
बड़ा चबल नादान, शरण माँ आया हूँ
घर बहार से हूँ ठुकराया
विषयों मैं भटका घबराया
समय गवां कर मैं पछताया
विषय सर्प मन डंसा, शरण माँ आया हूँ
माँ विपदा ने मुझे हैं घेरा
बिन तेरे अब कोई न मेरा
दीन बंधू माँ नाम है तेरा
करो सफल निज धाम, शरण माँ आया हूँ
पूजा भेटा कुछ नहीं लाया
मंत्र-यंत्र गुरु ज्ञान भुलाया
पाप-भार से शीश झुकाया
माता कर कल्याण, शरण माँ आया हूँ
माँ भक्तों को तुमने तारा
दैत्य पुत्र का रस रस न्यारा
पुत्र-कुपुत्र जगत में होते
माता देखे उन्हें ना रोते
वैष्णो कर कल्याण शरण माँ आया हूँ
क्षमा करो अपराध, शरण माँ आया हूँ
माता वैष्णो द्वार में शीश झुकाया हूँ