भारत देश में हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर सियासी लोग देश की जनता को कई दशक से लड़ाते आ रहे हैं। जनता अगर भूल भी जाये लेकिन ये सत्ता के लोभी लालचखोर हर बार नए-नए हथकंडे लगाकर फिर से जनता को बाँट देते हैं।
अवाम के दिलो में नफ़रत न कभी थी और न आज हैं। जिस तरह Diwali में अली बसे, राम बसे Ramzan। तो कहाँ हम सब अलग हुए।
- Diwali = Diwa + Ali
- Ramzan = Ram + zan
इसी हिन्दू-मुस्लिम की एकता को लोगों के दिलों में जिन्दा रखने का काम कर रहे हैं, “सैफ़ी हिदुस्तानी” । जिन्होंने सावन के महीने में ऐसा काम कर दिखाया जिसकी आप और हम सिर्फ बैठकर बाते ही बनाते हैं लेकिन अमल शायद ही कर पाते हो।
जानें पूरी घटना
इस साल सावन महीने में हरिद्वार से जल लेकर लौट रहे कावंड़ यात्रियों के लिए “सैफ़ी हिंदुस्तानी सेवा सोसायटी” के मुस्लमान भाइयों ने शामिली, उत्तर प्रदेश में शिविर लगा कांवड़ियों के ठहरने से लेकर दवाई-मरहमपट्टी और खाने पीने की पूरी व्यवस्था की।
समाजसेवी डॉ. आबिद सैफ़ी के संचालन में ये शिविर लगाया गया जिसमें सभी मुस्लमान भाइयों ने कावंड़ यात्रियों की सेवा कर आपसी भाईचारे की एक और मिसाल कायम की।
सोशल मीडिया पर उर्दू शायर Imran Pratapgarhi ने अपने फेसबुक पेज पर शिविर की कुछ तस्वीरें इस अंदाज में सांझा की …
हमने सीखा है ये रसूलों से,
जंग लडना सदा उसूलों से !
नफ़रतों वाली गालियॉं तुम दो,
हम तो देंगे जवाब फूलों से !!
ये ताज़ा तस्वीरें गवाह हैं कि जिस कोशिश के साथ कुछ नफ़रती ज़हन हिंदू मुसलमानों को अलग करने में लगे हैं उसी कोशिश के साथ कुछ अच्छे लोग मुहब्बतों की मुहिम में भी लगे हैं !
वैसे तो ये महज़ चंद तस्वीरें हैं लेकिन अगर इन तस्वीरों के पीछे की कहानी पर ग़ौर करियेगा तो ये तस्वीरें एक करारा तमाचा भी हैं देश तोडने वालों के मुँह पर !
कॉंवड यात्रा के लिये निकले भक्तों का जिस मुहब्बत और अपनेपन से मुस्लिम भाई स्वागत कर रहे हैं वो तारीफ़ के लायक़ है !
मीडिया में इस तरह की तस्वीरों के लिये शायद कोई जगह नहीं होती क्योंकि ये तस्वीरें TRP के काम नहीं आतीं !
लेकिन हमारी दिल की मीडिया में ये तस्वीरें फ्रेम करवा के रखने लायक़ हैं ………मैंने तो रख ली हैं……अगर आपको भी पसंद आयीं हों तो आगे बढाइये इन मुहब्बतों की सौग़ात को
आपको बता दे “सैफ़ी हिंदुस्तानी सेवा सोसायटी” एक ऐसा नाम, जो इन दिनों दो मजहबों को जोड़ने का काम कर रही हैं।