द्रौपदी को था महारथी कर्ण से प्रेम

द्रौपदी को था महारथी कर्ण से प्रेम (  )

महाभारत में द्रौपदी के बारे में आप सब तो अच्छे से जानते होगे पर आपको ये ज्ञात नही होगा की द्रौपदी को पांच पतियों से विवाह से पूर्व महारथी कर्ण से प्रेम था  ,आइए, विस्तार से जानते हैं ।इन दोनों की प्रेम कहानी।

कहानी इस प्रकार थी-

पांचाल देश के राजा द्रुपद की पुत्री द्रौपदी उनकी सुंदरता, बुद्धि और विवेक को देखकर कई राजा द्रौपदी पर मोहित थे। लेकिन महारथी कर्ण को द्रौपदी का निडर स्वभाव बहुत पसंद था द्रौपदी अपनी सखियों के साथ भ्रमण करने के लिए जाया करती थी ।तब द्रौपदी को देखते ही कर्ण को उनसे प्रेम हो गया।

एक दिन द्रौपदी के पिता ने स्वयंवर के लिए द्रौपदी के कक्ष में दासी से महान योद्धाओं के चित्र भिजवाए तो उनमें कर्ण का चित्र भी था, क्योंकि दुर्योधन का मित्र होने के कारण सभी कर्ण का सम्मान करने के साथ उन्हें राजसी परिवार के वंश की तरह मानते थे द्रौपदी कर्ण का चित्र देखकर उन्हें पसंद करने लगी थी।

एक दिन जब स्वयंवर का वह  दिन आया तो द्रौपदी जान चुकी थी कि कर्ण एक सूतपुत्र है और अगर उसका विवाह कर्ण से होता है। तो वो जीवनभर एक दास की पत्नी के रूप में पहचानी जाएगी।

इस दुविधा में पड़कर द्रौपदी ने अपने दिल के बजाय दिमाग की बात सुनते हुए कर्ण से विवाह का इरादा छोड़ दिया । अपने आप से निराश हो चुकी द्रौपदी ने स्वयंवर में एक कठोर निर्णय लेते हुए कर्ण को सूतपुत्र कहकर अपमानित किया।

द्रुपद पुत्री ने भरी सभा में कर्ण को कहा कि वो एक सूतपुत्र के साथ विवाह नहीं कर सकती है इससे कर्ण को बहुत आघात पहुंचा कि द्रौपदी जैसी निडर और क्रांतिकारी सोच रखने वाली स्त्री उनका जाति के आधार पर इस तरह अपमान कैसे कर सकती है।

पर सच तो ये था  पांडवों से विवाह के बाद भी द्रौपदी कभी कर्ण को अपने मन से निकाल नहीं पाई थी।

एक बार जब भीष्म पितामह मृत्युशैय्या पर मौत की प्रतीक्षा कर रहे थे, उस समय महारथी कर्ण भीष्म से मिलने के लिए पहुंचे ।उन्होंने भीष्म को द्रौपदी से आजीवन प्रेम करने का रहस्य बताया जब वो अपनी प्रेम कहानी से जुड़ी विभिन्न घटनाएं भीष्म को बता रहे थे। तो ये बात द्रौपदी ने भी सुन ली थी उस समय द्रौपदी को ज्ञात हुआ कि केवल वो ही नहीं, बल्कि महारथी कर्ण भी उनसे बहुत प्रेम करते हैं। लेकिन महाभारत के युद्ध में अर्जुन द्वारा कर्ण का वध कर दिया गया ।जिसके साथ ही इनकी प्रेम कहानी का भी अंत हो गया  ।

Krishna_and_Pandavas_along_with_Narada_converse_with_Bhishma_who_is_on_bed_of_Arrows

No Data
Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes:

<a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>