केंचुआ किसानो का मित्र माना जाता है जो खेतो को उपजाऊ बनाने में किसानो की बहुत सहायता करता है। इनके द्वारा बनाए गए खाद में नाइट्रोजन, पोटैशियम एवं फास्फोरस होता है ।तथा सभी 16 प्रकार के सूक्ष्म पोषक द्रव्य उपस्थित होते हैं। इसके साथ ही इसमें सेंद्रीय पदार्थ एवं उपयोगी जीवाणु होते हैं। इस खाद को जमीन में डालने से मिट्टी की उपजाऊ शक्ति एवं सजीव शक्ति बढ़ती है। केंचुआ खाद जमीन में डालने पर भूमि पूरी तरह उपजाऊ हो जाएगी एवं किसी भी तरह की रासायनिक खाद को डालने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इसके साथ ही कीटों का प्रकोप कम हो जाएगा जिससे रासायनिक कीटनाशक की भी आवश्यकता नहीं पड़ेगी।तो चलिए हम बताए की आपको करना क्या है।
ऐसे करे देख रेख इनकी –
- केंचुए सूर्य का प्रकाश एवं अधिक तापमान सहन नहीं कर सकते इसलिए केंचुआ खाद के उत्पादन के लिए छायादार जगह का होना आवश्यक है।
- यदि पेड़ की छाया उपलब्ध न हो तो लकड़ी गाड़कर कच्चे घास फूस का शेड बनाया जा सकता है। यदि बड़े पैमाने में व्यावसायिक स्तर पर खाद का उत्पादन करना हो तो पक्का टिन अथवा सिमेंट की चद्दर का उपयोग करके शेड बनाया जा सकता है।
- केंचुआ खाद उत्पादन के लिए वर्मी बेड बनाए जाते हैं जिसकी लंबाई 20 फुट तक हो सकती है किन्तु चौड़ाई 4 फुट से अधिक एवं ऊंचाई 2 फुट से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- इस बेड में पहले नीचे की तरफ ईंट के टुकड़े फिर उपर रेत एवं मिट्टी रख दिया जाता है जिससे विपरीत परिस्थिति में केंचुए इस बेड के अंदर सुरक्षित रह सके। इस बेड के ऊपर पुराना सड़ा हुआ कचरा केंचुओ के भोजन के रूप में डाला जाता है और उसको टाट या बोरी से ढक दिया जाता है और समय समय पर पानी दिया जाता है।
- फिर डेढ़ माह के बाद जब घास की परत अथवा टाट बोरी हटाने के बादन हल्की दानेदार खाद ऊपर दिखाई पड़े, तब खाद के बेड में पानी देना बंद कर देना चाहिए।
- ऊपर की खाद सूखने से केंचुए धीरे-धीरे अंदर चले जाएंगे। ऊपर की खाद के छोटे-छोटे ढेर बेड में ही बनाकर एक दिन वैसे ही रखना चाहिए। दूसरे दिन उस खाद को निकालकर बेड के नजदीक में उसका ढेर कर लें। खाली किए गए बेड में पुन: दूसरा कचरा जो केंचुओ के भोजन हेतु तैयार किया गया हो, डाल दें।
- खाद के ढेर के आसपास गोल घेरे में थोड़ा पुराना गोबर फैला दें और उसे गीला रखें। इसके ऊपर घास ढंक दें। इस प्रक्रिया में खाद में जो केचुएं रह गए हैं वे धीरे-धीरे गोबर में आ जाते हैं। इस तरह 2-3 दिन बाद खाद केंचुओं से मुक्त हो जाती है। बचे कचरे को केंचुओं सहित नजदीक के वर्मी बेड में डाल देते हैं। खाद को छानकर छायादार जगह में एक गङ्ढे में एकत्र करें और इस गङ्ढे को ढककर रखें ताकि खाद में नमी बनी रहे।
- केंचुए गर्मी बर्दाश्त नहीं कर सकते। उन्हें किसी भी प्रकार का कच्चा कचरा, कच्चा गोबर भोजन के रूप में नहीं दिया जा सकता। कच्चे गोबर के विघटन की प्रक्रिया के दौरान उससे गर्मी उत्पन्न हो सकती है जो केंचुओं के लिए हानिकारक होती है।
- मिट्टी में रहनेवाला केंचुआ रोज अपने वजन के बराबर कचरा/मिट्टी खाता है और उससे मिट्टी की तरह दानेदार खाद बनाता है। भूमि की उपरी सतह पर रहनेवाले लंबे गहरे रंग के केंचुए जो अधिकतर बरसात के मौसम में दिखाई पड़ते हैं, खाद बनाने के लिए उपयुक्त हैं।
- भूमि की गहरी सतह में रहनेवाले सफेद मोटे केंचुए खाद बनाने के लिए उपयुक्त नहीं हैं। केंचुए जमीन भी बनाते हैं जिससे मिट्टी में हवा का वहन होता है एवं मिट्टी की पानी धारण करने की क्षमता बढ़ती है।