यह तो हम सभी जानते है की भगवान शिव के दो पुत्र थे कार्तिकेय और गणेश, जहां गणेश के दो विवाह हुए वहीं कार्तिकेय ने विवाह न करने का निर्णय लिया। क्या आप जानते हैं कार्तिकेय ने क्यों लिया विवाह न करने का निर्णय तो चलिए हम आपको बताएं इसके पीछे की कथा क्या हैं जिस कारण कार्तिकेय ने विवाह न करने का निर्णय लिया।
पुराणों के अनुसार कार्तिकेय और गणेश में विवाह को लेकर विवाद हुआ की कौन सबसे पहले विवाह करेगा।गणेश जी कहने लगे में करूँगा पहले और कार्तिकेय कहने लगे की नही बड़ा मैं हूँ तो मैं पहले करूँगा विवाह । इसपर गणेश जी बोले की चलो माता पार्वती और पिता शिव के पास वो निकालेंगे इस समस्या का सही हल।
तब वह दोनों भगवान शिव के पास गए और बोले की पिताजी हमे विवाह करना है पर समस्या यह है की पहले कौन करेगा विवाह, इस पर भगवान शिव सोच में पड़ गए और बोले की जाओ पुत्रों ब्रह्मांड का चक्कर लगाकर आओ जो मेरे पास ब्रह्मांड का चक्कर लगाकर सर्वप्रथम आएगा मैं उसका विवाह पहले कर दूंगा।
तब कार्तिकेय तो अपने वाहन पर बैठकर ब्रह्मांड का चक्कर लगाने निकल गए, पर गणेश जी चतुर थे गणेशजी ने माता-पिता के चक्कर लगा कर ही यह कह दिया कि माता-पिता के चरणों मैं ही ब्रह्मांड है। गणेश की इस चतुराई से भगवान शिव खुश होकर बोले की पुत्र गणेश, तुमने उचित कहा तुम्हारा विवाह पहले किया जायगा।इसके बाद कार्तिकेय ब्रह्मांड का चक्कर लगाकर आए तब तक गणेश का विवाह हो चुका था। यह देखकर कार्तिकेय क्रोधित हो गए और उन्होंने उसी क्षण कभी विवाह न करने का संकल्प लिया।
Pandit Rajkumar Dubey says:
बहुत ही अच्छी जानकारी जी | आपका ह्रदय से आभार