जैविक खेती प्रकृति के साथ तालमेल बनाने का एक अच्छा उपाय है ।इसमें ऐसी तकनीक का प्रयोग किया जाता है जो कि अच्छी फसल देने के साथ ही प्रकृति और उसमें रहने वाले लोगों को कोई नुकसान नही पहुँचाते बल्कि इससे इन सभी को लाभ ही होता है।जैविक खाद को खेती में कैसे प्रयोग कि जाती है यह नीचे दी गई है आप पढ़िए और जानिए की क्या है जैविक खेती का तरीका|
क्या है ?ये जैविक खाद्:
यह खाद एक प्रकार का जैविक पदार्थ होता है जो की पेड़, पौधे और जानवरों के अवशेषों से बनता है, जिसे बैक्टीरिया और अन्य सुक्ष्म जीवों की सहायता से कुछ समय के लिए सड़ाया जाता है । जो इस प्रकार पत्ते, फलों की खाल और पशु खाद आदि खाद बनाने के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है ।
जैविक खाद से मिट्टी में होने वाले लाभ:
- जैविक खाद के उपयोग करने से भूमि की गुणवत्ता में सुधार आता है|
- इसके उपयोग से भूमि की जल को सग्रहित करने की क्षमता बढ़ती हैं।
- जैविक खाद के इस्तमाल करने से भूमि से पानी का वाष्पीकरण कम हो जाता है।
जैविक खेती का मतलब ये नहीं है कि हम केवल पारंपरिक तरीकें से हीं खेती करे अपनाऐं यदी हम पारंपरिक तरीकों कों आधुनिक तकनीकों के साथ प्रयोग में लाऐं तो जैविक खेती सही और अच्छे नतीज़े देती है ।
जैविक खेती से कृषक भाइयो को ऐसे होते है लाभ
- उनके भूमि की उपजाऊ क्षमता में वृध्दि हो जाती है।
- भूमि में सिंचाई अंतराल में वृध्दि होती है ।
- जो महंगे खाद होते है रासायनिक खाद तो उन पर निर्भरता कम हो जाती है।
- फसलों की उत्पादकता में वृध्दि होती है जिससे कृषक को बहुत लाभ होता है।
कुछ भी नही है खर्चा इसको बनाने में:
खाद बहुत जरुरी होता है भूमि के लिए यह पौधे मिट्टी , पानी और हवा से पोषण लेने के लिए मिट्टी में पोषक तत्वों को सोखते है। यही कारण है कि हमें मिट्टी मे हर साल उर्वरक मिलाना पड़ता है ।यह खाद सड़े गले या बचे हुए खाद्य पदार्थों और अन्य जीव जंतु के मल से घर पर बनाया जा सकता है जिस पर और लगभग कोई खर्च नहीं किया जाता है।मतलब यह सस्ता और बिना पैसे खर्च किए बढिया खाद बनता है|