फूलो की करे खेती और पाए दुगनी कमाई

रजनीगंधा :

रजनीगंधा के फूल लम्बे समय तक ताजे बने रहते है ।तथा लम्बी दूरी तक बिना खराब हुए भेजा जा सकता है।रजनीगंधा की फसल के लिए कितनी मात्रा में पोषक तत्व चाहिए इसका निर्धारण मृदा परीक्षण करवा कर ही तय करना चाहिए। रजनीगंधा को संतुलित मात्रा में ही पोषक तत्व देना चाहिए। किसी भी स्थिति में नाइट्रोजन अधिक मात्रा में नहीं डालना चाहिए।

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खाद एवं उर्वरक

फास्फोरस की पूरी मात्रा की अन्तिम तैयारी के समय खेत में डालनी चाहिए। जबकि नाइट्रेाजन एवं पोटेशियम को तीन भागों में बांट कर देना चाहिए। पहला कन्द रोपण के समय, दूसरा कन्द रोपण के 30 दिन बाद एवं, तीसरा कन्द रोपण के 90 दिन बाद। रेटून फसल ली जाती है तो उर्वरकों की तात्रा दूसरे वर्ष भी उपयोग करनी चाहिए।

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