भौकने वाले भौकते है उनका काम है भौकना

भौकने वाले भौकते है उनका काम है  भौकना (  )

एक बुजुर्ग थे रामनाथन जी  एक दिन वह टहलने निकले। सुबह सुबह टहलते टहलते उन्होंने ने देखा की एक गरीब सी फटे कपडे पहने महिला हाथ में बोरा लिए कचरा  बिनते  हुये वहा चल रही है  और गली के आवारा कुत्ते उस पर भौक रहे है ।और गली के छिछोरे लड़के भी उसे  छेड़ रहे थे।

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रामनाथन सोचने लगे की यह कुछ अच्छा काम क्यों नही करती है क्या इसके घर वाले कुछ कहते नही होगे।

रामनाथन जी ने उस महिला की ओर गोर किया की वो भौकते हुये कुत्तो को देखकर और उन छिछोरे लडको बोलते देख कर भी उस महिला के चेहरे पर किसी भी प्रकार का डर नही था ना ही उस महिला का उन कुत्तो पर कोई ध्यान था वह तो बस अपना कचरा उठाने में वयस्त थी वो महिला वहा से दूसरी जगह गई  दूसरी जगह के कुत्ते भी उसे देखकर भौकने लगे

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वहा पर भी उस महिला ने कुत्तो की तरफ ध्यान नही दिया और अपना कचरा बीनने का काम करती रही उस महिला ने कचरा उठाकर रामनाथन के सामने बेच भी दिया और रूपये कमा भी लिये और भौकने वाले कुत्ते  भौकते रह गए।

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रामनाथन जी ने महिला से पूछा की बेटा तुम जो यह काम करती हो तुम्हे डर नही लगता इन कुत्तो और आवारा लडको से तुम कुछ दूसरा काम क्यों नही करती हो तुम्हारे घर परिवार वाले कुछ कहते नही तुम्हे ?

वह कचरे वाली बोली बाबूजी इन्सान की एक यही आदत सभी समस्याओ की जड़ हैं ।हमारी सोच येही है की लोग क्या कहेगे, लोग क्या सोचेगे, उनको क्या लगेगा इसी सोच की वजह से हम कुछ भी खुलकर नहीं कर पाते क्योकी हम कोई भी काम करने से पहले दस बार लोगो  के बारे मैं सोचते हैं।

किसी समाज के भेडिये के आगे अपनी अस्मिता लुटाने या भीख मांगने से अच्छा येही काम करना ठीक समझती हूँ में मुझे कोई फरक नही पड़ता की कोई क्या कहेगा भौकने वाले भौकते है उनका काम है  भौकना।

यह बोलकर वो महिला चल दी।

उस कचरे वाली का एक टुक जबाब सुनकर रामनाथन दंग रह गए और कुछ भी बोल नही पाए।

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कहानी की सिख –  क्या  खूब जबाब दिया उस महिला ने  यहीं सोच हम हमारी जिंदगी में अपनाये तो हम कभी पिछे नहीं रहेगे और हम अपना काम लोगो की सोच को ध्यान में रखकर नहीं करेगे तो ही हम अपने काम को पुरे कर पाएगे  क्योकी हम कोई भी काम करने से पहले लोगे के बारे मैं सोचते हैं रिश्तेदार, पडोसी, मेरे बारेमे क्या सोचेगे इस डर की वजह से हम कोई भी काम करने से पीछे हट जाते है और जिंदगी भर पछतावा रह जाता है की मेने अपने मनकी क्यों नही की अगर  जिंदगी में कुछ बड़ा काम करना हो तो लोगो के बारे मैं सोचना छोड़ देना होगा तभी सफलता हासिल हो सकती है।

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