गेंदा एक औषधिक गुणों से भरा हुआ फुल है। जिसको हम देवी देवता पर चढाते है पर क्या आप जानते है इसके औषधिक गुण भी है? आयुर्वेद में इसका एक बहुत बड़ा स्थान है यह काफी उपयोगी पुष्प है तो आइए जाने इसके गुण…
गेंदा और काम शक्ति
मनुष्य का शरीर गर्म तथा ठंडे प्रवर्ती का होता है। गेंदा एक औषधि के रूप में सेवन किया जाता है परन्तु इसका सेवन करना गर्म प्रकृति के लोगों के लिए हानिकारक हो सकता है। क्योकि यह कामशक्ति को घटाता है।
गेंदा और कान का दर्द
यदि किसी के कान में समस्या हो तो गेंदे के पत्तो को पीसकर रस निकाल ले फिर उस रस को कान में डालने से कान का दर्द बंद हो जाता है।
गेंदा और मुंह
यदि किसी को मुंह या दादों में समस्या है तो इसके फूलो के रस से कुल्ला करने पर दांत का बड़े से बड़ा दर्द भी ठीक होता है और मुंह की दुर्गन्ध भी दूर हो जाती है ।
गेंदा और बवासीर
इसके के पत्तो का रस कालीमिर्च और नमक के साथ मिलाकर पीना बवासीर के रोगी के लिए लाभकारी होता है।
गेंदा खासी में
इसके फूल के बिच का जो भाग होता है उसे सुखा कर पिस कर चूर्ण बना ले अब उस चूर्ण को दही के साथ सेवन करने से खांसी में लाभ होता है।
गेंदा बुखार में
इसके फूलों का रस पिने से बुखार से पीड़ित व्यक्ति को लाभ मिलता हैतथा बुखार जल्दी उतर जाता है।
गेंदे की पत्तिया
इसके के पत्तों को मैदा या आटे के साथ मिलाकर किसी भी तरह के फोड़े जैसे पीठ के फोड़े गर्मी वाले फोड़े सिर के फोड़े और गांठ पर लगाने से फोड़ा जल्द ही फुट जाता है और ठीक हो जाता है।
गेंदा और सर्दिया
सर्दियों में हाथ पैर फटने पर गेंदे के पत्तों का रस लगाने से हाथ कोमल और मुलायम हो जाते है।
गेंदे के फुल का काढ़ा :
इसके पत्तों को पानी में उबाल कर काढ़ा बना ले अब इस काढ़े को दिन में दो बार सेवन करने से पथरी में फायदा होता है और पथरी जल्द ही गलकर निकल जाती है।
गेंदा और मुहासे :
यह एक एंटी-सेप्टिक है जिसे घाव, कीड़े के काटने, और मुंहासों के उपचार में भी उपयोग किया जाता है।
गेंदा और गर्भपात :
इसका इस्तमाल गर्भवती तथा स्तनपान करवाने वाली माता कतई ना करे क्योंकि इससे गर्भपात हो सकता है। यह बहुत गरम प्रवती का पौधा है ।इसे गर्भपात की घरेलु औषधि कहा जा सकता है।
गेंदा और कब्ज
इसका उपयोग कब्ज़, पेट दर्द और पाचन से संबंधित बीमारियों के इलाज में किया जाता है इसका रस पीना इन समस्या में लाभकारी है।
गेंदें का फुल और कांच
इसके सूखे फूल लें और इसे कांच के बर्तन में रखें। इस जार में जैतून का थोडा सा तेल डाले और ढक्कन लगा दें। इस जार को धुप में रख दे अब चार सप्ताह बाद तेल को छान ले फिर उसे वहा रखिए जहा खटमल हो एसा करने से खटमल दूर हो जाएगे।