आजकल लड़कियां और महिलाएं पढ़ाई व काम के सिलसिले में रोजाना घर से बाहर निकल रही हैं। वे न केवल अपने राज्य में बल्कि देश के दूसरे हिस्सों में भी जा रही हैं। ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से देश के विभिन्न हिस्सों में काम करने वाले महिला हेल्पलाइन नंबर (Women Helpline Number) उनके बहुत काम आ सकते हैं।
16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में हुए निर्भया कांड से पहले देश के ज्यादातर राज्यों में लड़कियों, महिलाओं की सुरक्षा और उनकी मदद करने के लिए अलग से विशेष हेल्पलाइन नंबर नहीं थे। लेकिन 16 दिसंबर 2012 के बाद ज्यादातर राज्यों ने अपने यहां महिला हेल्पलाइन केंद्र स्थापित किए और उनके लिए विशेष फोन नंबर जारी किए। कई राज्यों में महिलाओं के लिए मददगार मोबाइल एप भी लांच किए जा रहे हैं।
इन हेल्पलाइन केंद्रों और मोबाइल एप्स की रिपोर्ट बताती हैं कि कुछ राज्यों में इन नंबरों पर महिलाएं काफी संख्या में शिकायतें दर्ज करा रही हैं तो कहीं महिलाओं की प्रतिक्रया ज्यादा तीव्र नहीं है। इसका कारण यह है कि इन हेल्पलाइन नंबरों का ज्यादा प्रचार नहीं किया गया है। इसके अलावा कई राज्यों में ये नंबर मिलाने पर मिलते नहीं हैं और अगर मिल भी जाते हैं तो शिकायत पर तुरंत कार्रवाई नहीं होती।
वैसे भी राज्यों के इन हेल्पलाइन नंबरों का प्रचार उसी राज्य में किया जाता है, लेकिन आजकल लोग एक राज्य से दूसरे राज्य में भी खूब यात्रा कर रहे हैं। दूसरे राज्यों में किसी महिला के संकट में फंसने पर उस राज्य का हेल्पलाइन नंबर या मोबाइल एप उनके बहुत काम आ सकता है। अमूमन यह नंबर लोगों को पता नहीं होता है।
इसी के मद्देनजर यहां विभिन्न राज्यों के महिला हेल्पलाइन नंबर दिए जा रहे हैं, जिन पर फोन करके मदद ली जा सकती है।
देशव्यापी नंबर
2013 के शुरू में तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ने पूरे देश के लिए भी एक नंबर जारी किया था। यह नंबर 181 था। यह एक तरह से राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर है, लेकिन इसके बावजूद हर राज्य में अलग-अलग नंबर भी काम कर रहे हैं। राज्यों में उनके दिए नंबर ज्यादा सक्रिय हैं और उन पर फोन करने पर ज्यादा तेज प्रतिक्रिया मिलती है, इसलिए किसी भी राज्य में किसी महिला को कोई समस्या हो तो वहां का हेल्पलाइन नंबर मिलाना ज्यादा ठीक रहेगा।
विभिन्न प्रदेशों में चल रहे महिला हेल्पलाइन नंबर – State Wise Women Helpline Numbers
राज्य | महिला हेल्पलाइन नंबर |
---|---|
दिल्ली में | 1091 |
उत्तर प्रदेश में | 1090, 181 |
गुजरात में | 1091 |
उत्तराखंड में | 181, 18001804111 |
पंजाब में | 181 |
हिमाचल प्रदेश में | 108 |
हरियाणा में | 1091 |
राजस्थान में | 1090 |
मध्य प्रदेश में | 1090 (181 और 108 भी) |
चंडीगढ़ में | 1091 |
बिहार में | पटना में 9771468024 और बाकी जिलों के लिए अंतिम दो नंबर 01 से 35 तक। |
मुंबई और महाराष्ट्र में | 103 |
बंगाल में | 1091 और 8017100100 |
गोवा में | 1091 |
तमिलनाडु में | 1091 |
आंध्र प्रदेश में | 1090 |
कर्नाटक में | 1091 |
केरल में | 1091 |
उड़ीसा में | 1091 |
जम्मूकश्मीर | 1091 |
इस सूची से पता चलता है कि ज्यादातर राज्यों में 1090 और 1091 जैसे नंबर महिलाओं की मदद के लिए जारी किए गए हैं, मगर कई राज्यों में इनसे अलग नंबर भी हैं, इसलिए इन नंबरों की जानकारी होनी जरूरी है।
गुजरात में आया ‘अभयम 181’ मोबाइल एप
गुजरात में ‘अभयम-181’ नामक मोबाइल एप लांच किया गया है। यह एप कहीं भी, किसी भी समय मुसीबत के दौरान महिलाओं को कुछ ही देर में मदद उपलब्ध कराने में सहायक है। इस एप्लीकेशन के जरिए घटनास्थल से महिला के कॉल करने पर हेल्पलाइन रिस्पॉन्स सेंटर को फौरन गूगल के नक्शे में महिला की सटीक लोकेशन का पता चल जाएगा। इस जानकारी के आधार पर निकटवर्ती पुलिस स्टेशन या हेल्पलाइन रेस्क्यू वैन को सूचित करने के साथ ही महिला की लोकेशन सहित अन्य जानकारी उसके परिजनों को तत्काल भेजी जा सकेगी।
हिमाचल में आ गया, बाकी देश में जल्द आएगा
हर इमरजेंसी के लिए एक ही नंबर 112
यदि आपको 100 (पुलिस), 101 (दमकल), 108 (स्वास्थ्य) और 1090 (महिला हेल्पलाइन) जैसे कई जरूरी नंबर याद नहीं रहते तो आप एक अकेला नंबर 112 इस्तेमाल कर सकते हैं। पुलिस, दमकल, स्वास्थ्य या महिला सुरक्षा संबंधी कोई इमरजेंसी हो तो इन सभी के लिए 112 नंबर का प्रयोग किया जा सकता है। लेकिन अभी यह सुविधा केवल हिमाचल प्रदेश में शुरू हो पाई है। पूरे देश में इसे लागू होने में थोड़ा समय लगेगा।
हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बना है जिसने अपने यहां अखिल भारतीय एकल आपात नंबर 112 से आपात प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस ERSS) की शुरुआत की है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने 28 नवंबर 2018 को मंडी में इस सुविधा की शुरुआत की। इसी के साथ 112 इंडिया मोबाइल ऐप और ईआरएसएस वेबसाइट का भी उद्घाटन किया गया। हिमाचल प्रदेश में इस परियोजना के तहत 12 जिलों के कमान केंद्र के साथ शिमला में एक आपात प्रतिक्रिया केंद्र (ईआरसी ERC) बनाया गया है। इस केंद्र को पुलिस (101), दमकल (101), स्वास्थ्य (108) और महिला हेल्पलाइन (1090) सेवाओं से जोड़ा गया है ताकि एकल आपात नंबर 112 के जरिये आपात सेवाएं प्रदान की जा सकें।