कुछ न करना
- कुछ न कुछ कर बैठने को ही कर्तव्य नहीं कहा जा सकता
- कोई समय ऐसा भी होता है,
- जब कुछ न करना ही
- सबसे बड़ा कर्तव्य माना जाता है
– रवीन्द्रनाथ ठाकुर
कुछ न करना
– रवीन्द्रनाथ ठाकुर