थायराइड ग्रंथि में हो रही गड़बड़ी को जान बूझकर अनदेखा कर देने पर हायपोथारायडिज्म की स्थिति में रक्त में कोलेस्टरोल की मात्रा बढ़ जाती है । इसके फलस्वरूप व्यक्ति के हार्टएटैक से पीड़ित होने की संभावना बढ़ जाती है।इस बीमारी से बचने के लिए आप ये उपचार कर सकते है नीचे पढ़िए।
लक्षण इसके –
हायपोथारायडिज्म की स्थिति में रोगी में बेहोशी छा सकती है ।तथा शरीर का तापमान खतरनाक लेवल तक गिर जाता है जिससे रोगी को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
ऐसे करे इलाज –
- ज्यादातर संक्रमित भाग को निकालने की सर्जरी की जाती है और बाद में बची हुई कोशिकाओं को नष्ट कर दिया जाता है।
- सर्जरी के बाद रेडियोएक्टिव आयोडीन की खुराक मरीज के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि यह कैंसर की सूक्ष्म कोशिकाओं को मार देती है।
- थायरॉइड ग्रंथि से कितने कम या ज्यादा मात्रा में हार्मोन्स निकल रहे हैं, यह खून की जांच से पता लगाया जाता है।
- खून की जांच तीन तरह से की जाती है टी.3, टी.4 और टीएसएच सेइसमें हार्मोन्स के स्तर का पता लगाया जाता है।
- हाइपोथायरॉयडिज्म का इलाज करने के लिए आरंभ में ऐल.थायरॉक्सीन सोडियम का इस्तेमाल किया जाता है जो थायरॉइड हार्मोन्स के स्त्राव को नियंत्रित करता है।
- इसकी दवा ता उम्र खानी पड़ती है और पहली ही स्टेज पर इस बीमारी का इलाज करा लिया जाए तो रोगी की दिनचर्या आसान हो जाती है।
- थायराइड की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए भी कचनार का फूल बहुत ही गुणकारी है।इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति लगातार दो महीने तक कचनार के फूलों की सब्जी बनाकर खाएं तो उन्हें आराम मिलता है।
इस बीमारी में करे इनका सेवन –
आप अपने खाने मे बैंगन, सिंघाडा, जामुन बैगनी रंग के फल आदि जिनमे आयोडिन होता है। खाए और अजवाईन का रोज प्रयोग करे।