पालक की खेती के तरीके और उपयुक्त समय

पालक की खेती के तरीके और उपयुक्त  समय (  )

पालक एक पौष्टिक हरी पत्तियों वाला साग है जिसके सेवन से कई तरह के रोगों  में बहुत लाभ मिलता है तथा कई तरह की विटामिन की कमी को भी पूरी करता है |पालक का सेवन हमे अपने आहार में नियमित रूप से करना चाहिए|

पालक के  लिए उचित जलवायु

पालक की सफलतापूर्वक खेती के लिए ठण्डी जलवायु की आवश्यकता होती है।ठण्ड में पालक की पैदावार अधिक होती है यदि तापमान अधिक होगा तो पैदावार कम हो जाएगी,पालक की खेती शीतकाल में करना अधिक अच्छा होता है।

पालक के लिए उपयुक्त भूमि

पालक उगाने के लिए समतल ज़मीन को चुनना चाहिए पानी के निकास कि अच्छी व्यवस्था होनी चाहिएजीवांश  दोमट  मिटटी हो तो उसमे पौधे कि पैदावार  अच्छी होती  है  पालक के पौधे अम्लीय जमीन में नहीं बढ़ते

1

पालक के लिए उपयुक्त खाद व उर्वरक

गोबर की अच्छी सड़ी हुई खाद,नीम की खली या नीम की पत्तियों की सडी खाद को बुआई  से पहले खेत में फैला कर जुताई कर  अच्छी तरह से मिला दें ,एक समान रूप से फैलाकर मिट्टी में मिला देना चाहिए। तथा पालक की फसल के प्रत्येक कटाई के बाद खली को  फसल में डालना चाहिए उर्वरक के छिड़काव के दूसरे दिन खेत की सिंचाई अवश्य करनी चाहिए,पौधों की जड़ों द्वारा पोषक तत्वों को ग्रहण कर सके  जिससे दूसरी कटाई के लिए फसल जल्दी तैयार हो सके।

बुआई का सही समय

मैदानी क्षेत्रो में पालक को लगाने का उचित समय अक्टूबर  का महिना होता है इसे फरवरी – मार्च में फिर  लगाया जा सकता है ।

 

बीज की बुवाई  कैसे करे

palak-greens

बुवाई के लिए  क्यारी में पानी भरके पहले रख  देते है और जब क्यारी में खूब अच्छी नमी हो जाने पर  पालक की कतार  में बुवाई  करते है अधिक गहरी बुवाई नहीं करनी चाहिए।

 

सिंचाई  का समय

यदि बुवाई के समय क्यारी में नमी कि कमी हो तो बुवाई के तुरंत बाद एक हल्की सिंचाई कर देना चाहिए पालक को पानी कि आवश्यकता बहुत  होती है समय समय पर सिंचाई करते रहे ।

खर पतवार नियंत्रण कैसे करे

यदि क्यारी में कुछ खर पतवार उग आये तो उन्हें जड़ से उखाड़ देना चाहिए यदि पौधे कम उगे हो तो उस अवस्था में कुदाल के जरिये गुड़ाई करने से पौधे कि पैदावार  अच्छी हो जाती है ।

0

कीट नियंत्रण

पालक के पौधे पर कीड़ो  का प्रभाव नहीं पड़ता है । परन्तु फसल पत्ती खाने वाले कीड़े को  देखा जाता है यह कीड़े  पत्तियों को खाता है  फिर तने को  नष्ट कर देता है नीम का घोल बनाकर हर10 ,12  दिन में छिड़काव करते रहना चाहिए  गौ मूत्र , नीम की पत्ती,तम्बाकू का घोल बना कर छिड्कना चाहिए

 

कटाई कैसे करे

kisanhelpin

बुवाई के 4 सप्ताह बाद पालक की  पहली बार कटाई की जाती है पत्तियां जब पूरी तरह से विकसित हो जाये लेकिन हरी कोमल और रसीली अवस्था में हो तो जमीन कि सतह से ही पौधों को हसिया से काट लेते है कटाई के बाद क्यारी का हलकी सिंचाई कर देते है इससे पौधों कि पैदावार तेज होती है ।

 

No Data
Share on

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

You may use these HTML tags and attributes:

<a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>