अकबर बीरबल की मजेदार कहानियों की इस श्रृंखला में आप पढेंगे कि कैसे बीरबल ने अपनी बुद्धिमानी से सेठों को पहरेदारी करने से बचाया। पिछली कहानी पढ़ने के लिए आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं।
बादशाह अकबर कुछ मजाकिया इंसान थे। उन्हें मजाक बेहद पसंद था। एक दिन उन्होंने नगर के सेठों को हुक्म दे डाला कि आज से उन्हें पहरेदारी पर लगाया जाता हैं। यह सुनकर सेठ घबरा गए और बीरबल के पास पहुँचकर अपनी परेशानी का हल मांगने लगे।
तब बीरबल ने उन्हें हिम्मत देते हुई एक तरकीब बताई और कहा कि वो सब लोग अपनी पगड़ियों को पैर में और पायजामों को सिर पर बांधकर पहरा देते हुए चिल्ला -चिल्लाकर कहें , “अब तो आन पड़ी हैं ।”
दूसरी तरफ बादशाह भी अपना भेष बदलकर गश्त पर निकल पड़े। गश्त लगते वक़्त बादशाह की नज़र अचानक सेठों पर पड़ी ।उनका ये निराला रूप देखकर बादशाह हँसते-हँसते लोटपोट हो गए और उनसे पूछा ये सब हैं।
तब सेठों का मुखिया बोला, “जहाँपनाह हम लोग पुश्तों से गुड़ और तेल बेचते आए। भला हमसे पेहरेदारी कहाँ हो पाएगी।” बादशाह अकबर समझ गये की ये बीरबल की ही तरकीब हैं और अपना हुक्म वापस ले लिया।