Sawan Month 2019: श्रावण मास को भगवान महादेव का मास माना जाता है। पुराणों में वर्णित है कि जगत के पालन भगवान विष्णु इस समय पाताल लोक में विश्राम करने चले जाते हैं और इस चराचर जगत का पालन देवादिदेव महादेव के हाथों में होता है। सनातन धर्म में मान्यता है कि महादेव को श्रावण मास अत्यंत प्रिय है और इस मास में महादेव की पूजा अर्चना करने से भगवान शिव भक्तों की मनचाही मुराद पूरी कर देते हैं। इस वर्ष भगवान भोलेनाथ महीना सावन 17 जुलाई से आरंभ हो गया है।
Sawan/Shravan 2019: Start Date, End Date
- 22 जुलाई- सावन का पहला सोमवार व्रत
- 23 जुलाई- मंगला गौरी व्रत
- 28 जुलाई- कामिका एकादशी, रोहिणी व्रत
- 29 जुलाई- सावन का दूसरा सोमवार व्रत
- 30 जुलाई- सावन शिवरात्रि
- 1 अगस्त- हरियाली अमावस्या, सावन अमावस्या
- 3 अगस्त- हरियाली तीज
- 5 अगस्त- नाग पंचमी, सावन का तीसरा सोमवार व्रत
- 7 अगस्त – तुलसीदास जयंती
- 11 अगस्त- श्रावण पुत्रदा एकादशी
- 12 अगस्त- सावन का चौथा सोमवार व्रत, ईद उल अजहा
- 15 अगस्त- श्रावण पूर्णिमा, रक्षाबंधन
क्या है खास, सावन 2019 में जाने….
इस साल इस माह में कई विशेष शुभ संयोग बन रहे हैं। जिनमें भगवान शिव की पूजा, रुद्राभिषक या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना विशेष फलदायी होगा। आइए जानते हैं हिंदी रसायन में इस वर्ष बनने वाले शुभ संयोग के बारे में।
- करीब करीब 125 सालों के बाद इस साल सावन मास में हरियाली अमावस्या पर पंचमहायोग का निर्माण हो रहा है। इस महायोग में रुद्राभिषेक कराने का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस महायोग में किसी भी प्रकार की पूजा अर्चना करने का फल अतिशीघ्र प्राप्त हो जाता है। इस दिन पहला सिद्धि योग, दूसरा शुभ योग, तीसरा गुरु पुष्यामृत योग, चौथा सर्वार्थ सिद्धि योग और पांचवां अमृत सिद्धि योग का संयोग है। पंच महायोग के संयोग में कुल देवी-देवता तथा मां पार्वती की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।
- इस साल श्रावण मास में नागपंचमी का शुभ त्योहार महादेव के विशेष दिन सोमवार को आ रहा है। सोमवार और नागपंचमी दोनों एक ही दिन पड़ना बहुत शुभ माना जाता है। क्योंकि पुराणों में मान्यता है कि महादेव को नाग विशेष प्रिय हैं। इसीलिए उन्होंने वासुकि नाग को अपने गले में धारण किया हुआ है। इस साल नागपंचमी के दिन चंद्र प्रधान हस्त नक्षत्र और त्रियोग का संयोग भी बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग, सिद्धि योग और रवि योग अर्थात त्रियोग के संयोग में काल सर्प दोष निवारण के लिए पूजा करना फलदायी होगा।
- कई वर्षों के पश्चात 15 अगस्त और रक्षाबंधन एक ही दिन पड़ रहा है। रक्षाबंधन के दिन राष्ट्रीय पर्व होने से पूरे देश में विशेष उमंग और उत्साह का माहौल बना रहेगा। संभवत: इस वर्ष राखियां भी तिरंगे के डिजाइन की बाजार में देखने को मिले। स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन की रात्रि नौ बजे के बाद पंचक शुरू हो रहा है इसलिए इससे पूर्व राखी बंधवाना श्रेष्ठ होगा।
- 17 जुलाई को जिस दिन श्रावण मास आरंभ हो रहा है। उस दिन सूर्य प्रधान उत्तराषाढ़ा नक्षत्र है। इस दिन वज्र और विष कुंभ योग भी बन रहा है।
- इस साल श्रावण मास पूरे तीस दिन का है और इस साल सावन माह में चार सोमवार आएंगे। इसमें तीसरे सोमवार को त्रियोग का संयोग बन रहा है जो विशेष फलदायी होगा। इस योग में शिव की पूजा विशेष फलदायी होती है और नमक चमक का रुद्राभिषेक कराने से भक्तों के सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं।
- साल 2019 के सावन माह में बन रहे ग्रह नक्षत्र संकेत दे रहे हैं कि इस साल खंड वर्षा होगी। देश के कई इलाकों में रुक रुक कर बारिश होने की संभावना है। देश के कई इलाकों में खंड वर्षा अत्याधिक बाढ़ का कारण भी हो सकती है।
- इस साल 20 जुलाई को शुक्र ग्रह अस्त हो रहा है जो 22 सितंबर तक रहेगा। इस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य करना निषेध है।
सावन में शिवलिंग पर ये चीज़े अर्पित करे
- जल
- घी
- शक्कर
- दूध
- दही
- पुष्प
- बेलपत्र
- गंगा जल चढाना शुभ माना जाता है।
सावन में शिवलिंग पर जल, दही या शहद या दूध और सुंदर-सुंदर पुष्प अर्पित करने से चमत्कारिक लाभ होता हैं।
आप इस माह में जितने सुंदर-सुंदर पुष्प जल से साथ शिवलिंग पर अर्पित करेगे उतना ही भोलेनाथ की कृपा आप पर होगी।
ये बात ध्यान रखे की बेलपत्र बिना जल के भोलेनाथ को अर्पित न करें। बेलपत्र अर्पित करने के बाद जल से अभिषेक जरूर करना चाहिए।
पुराणों में सावन सोमवार के व्रत तीन प्रकार के बताए है।
- पहला है सिर्फ सावन में जितने भी सोमवार पड़े उतने सोमवार।
- दूसरा है सोलह सोमवार जिसे सावन के सोमवार से प्रारंभ करते है सोलह सोमवार तक।
- तीसरा है सोम प्रदोष, प्रदोष तिथि माह में दो बार आनेवाली तिथि है जो भगवान् शिव को अतिप्रिय होती है।