Naugaja Peer Baba Story in Hindi: भारत में ऐसे कई जाने माने मंदिर, दरगाह-मजार है जहा मन्नत मांगने से पूरी हो जाने की मान्यता है ।ऐसे में लोग अपनी-अपनी मन्नते पूरी होने पर अपने कहे अनुसार चढ़ावा भी चढ़ाते है। आपको ये जानकर बड़ी हैरानी होगी कि हमारे देश में एक ऐसी मजार भी है जहां घड़ियां चढ़ाने से मन्नत पूरी होती है।
हजारों की तादात में आते है लोग
हर रोज हजारों लोग इस मजार पर अपनी-अपनी मुरादें लेकर पहुंचते हैं। आपको बता दे ये बाबा सैयद इब्राहिम की नौ गज की मजार है । जो की 34 इंच लंबी और 15 इंच चौड़ी है। पंजाब हरियाणा बॉर्डर पर शाहबाद के नजदीक बनी इस मजार पर हाइवे से गुजरने वाला हर व्यक्ति यहाँ जरुर होकर जाता है।
चढ़ावे में घड़ी चढ़ा कर जाते है लोग
यहाँ हर मन्नतें मांगने वाला चढ़ावे में घड़ी चढ़ा कर जाता है।यहाँ के लोगों का मानना है कि लगभग 1500 साल पहले हरियाणा के शाहबाद जिले में नौगजा पीर बाबा रहते थे। जो बहुत जाने-माने चमत्कारी इंसान थे। वह संत थे और उनका कद 8 गज का था वह इराक से आए थे और शाहबाद मारकंडा के कल्याण गांव में रहते थे।
दर्शनीय स्थल घोषित कर दिया
उन्होंने अपने जीवन में कई चमत्कार किये जिसे हिन्दू मुस्लिम दोनों ने ही देखा। इन्ही चमत्कारों के चलते मौत के बाद नौदारा पुल के नीचे उनकी मजार बना दी गई। जिसे अब हरियाणा सरकार ने दर्शनीय स्थल घोषित कर दिया है।
नौगजा पीर और नौदारा के नाम से भी जाना जाता है
इस जगह को नौगजा पीर और नौदारा के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू मान्यता के अनुसार नौदारा नाम नौ देवता के नाम पर पड़ा और इसके बिल्कुल सामने शिव मंदिर है। पीर के साथ-साथ लोग वहां पर भी दर्शन के लिए जाते हैं।
मजार पर घड़ियां चढ़ाने की परम्परा
- इस परम्परा के पीछे दो मान्यताएं काफी प्रचलित हैं कुछ लोग ये मानते है कि जिन पीर बाबा की ये मजार है, वह समय के बहुत पाबंद थे।
- बाकी लोगो का मानना है कि हाईवे पर वाहन चालकों को समय पर और सुरक्षित पहुचने की चिंता होती है। ऐसे में यहां घड़ी चढ़ा कर दुआ मांगते हैं कि वे समय पर अपनी मंजिल में पहुंच जाए।
पीर की देखरेख का जिम्मा रेडक्रॉस
पीर की देखभाल का जिम्मा रेडक्रॉस को है। आपको बता दे की यहां चढ़ावे में इतनी अधिक घड़िया चढ़ती हैं कि रेडक्रॉस को उन्हें बेचना पड़ जाता है। फिर उस पैसे से ही मजार की देखभाल की जाती है और वहा के सेवको को वेतन दिया जाता है।
मेला भी लगता है
गुरुवार और रविवार के दिन मजार पर मेला भी लगता है। इस दिन यहां कई तादाद में लोग जमा होते हैं। इस दौरान यहां घड़ियों के भी ढेर लग जाते हैं। और श्रद्धालु यहाँ सरसों का तेल फूलों की माला भी चढ़ाते हैं।