माता खीर भवानी मंदिर : यहाँ अनहोनी का संकेत देता हैं चमत्कारी झरना

माता खीर भवानी मंदिर : यहाँ अनहोनी का संकेत देता हैं चमत्कारी झरना (  )
Mata Kheer Bhawani Temple Jammu Kashmir

भारत अपने विविध धर्मों ,संस्कृति और भाषा के कारण पूरी दुनिया में विख्यात हैं और इतना ही नही भारत में बहुत से स्मारक और मंदिर भी विदेशियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं । भारत में ऐसे बहुत से मंदिर हैं जो अपने चमत्कार के लिए दुनियाभर में विख्यात हैं । आज हम आपको ऐसे ही एक मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो की पहले तो लंका में था लेकिन अब कश्मीर में स्थानांतरित हो गया हैं और अपने झरने के बदलते रंग के लिए जाना जाता हैं …..

Kheer Bhawani Temple Pool
Kheer Bhawani Temple Pool

भारत के सबसे सुंदर राज्य कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से 27 किलोमीटर दूर तुल्ला मुल्ला गाँव में बसा खीर भवानी मंदिर पहले तो लंका में उपस्थित था लेकिन अब यह भारत में ही हैं और इसका निर्माण बहती हुई धारा के ऊपर किया गया हैं। मंदिर के चारों तरफ बहती नदी की धारा और चिनार के पेड इस मंदिर की खूबसूरती के आकर्षण का केंद्र हैं।

लगता है खीर का भोग

Rice Milk Kheer
Rice Milk Kheer

वैसे तो मंदिर के नाम से ही पता चल जाता हैं की ये मंदिर माँ भवानी को समर्पित हैं। इस मंदिर में देवी को खीर से भोग लगाया जाता हैं और प्रसाद के रूप में भी खीर ही बांटी जाती हैं। इन्हें महारज्ञा देवी के नाम से भी जाना जाता हैं और हर सुबह इनके स्मरण में मंत्रौच्चारण (नमस्ते शारदे देवी, कश्मीर पुरवासिनी, प्रार्थये नित्यं विद्या दानं च दे ही मे’ अर्थात हे कश्मीर में रहने वाली शारदा देवी, मैं प्रार्थना करता हूं कि मुझे विद्या दान करें।’) किया जाता हैं।

कुंड का पानी देता हैं अनहोनी का संकेत

मंदिर परिसर में बना षट्कोणीय झरना माँ खीर भवानी का प्रतीक माना जाता हैं। आने वाले श्रद्धालु इस पवित्र झरने के जल में फूल, दूध व खीर चढ़ाते हैं।

Kher Bhwani Fountain Pool
Kher Bhwani Fountain Pool

वहां के लोगों का मानना हैं की अगर गाँव में कोई संकट आने वाला होता हैं तो माता पहले ही संकेत दे देती हैं। मतलब संकट आने से पहले ही मंदिर में स्थित कुंड के पानी का रंग अपने आप ही काला पड़ जाता हैं।

कश्मीर में बाढ़ आने से पहले कुंड के जल ने दिया था संकेत

2014 Kashmir flood
2014 Kashmir flood Photo: kindlemag.in

जब सन 2014 में कश्मीर में बाढ़ आयी थी तो विपदा आने से पहले ही मंदिर में बने कुंड का पानी सफेद से काले रंग में बदल गया था। जिसे सभी पंडितो ने अनहोनी का संकेत मान लिया था।

लंका से कश्मीर तक आने की कहानी

माता खीर भवानी
माता खीर भवानी

एक कथा के अनुसार जब भगवान राम ने माता सीता को बचने के लिए रावण से युद्ध किया तब महारज्ञा देवी लंका में रह रही थी लेकिन युद्ध छिड़ते ही देवी महारज्ञा ने हनुमान जी से कहा की अब वो यहाँ नही रह सकती अत: वे उन्हें यहाँ से श्रीनगर ले जाएँ। ऐसा कहकर माता ने पत्थर का रूप ले लिया।तब हनुमान जी ने देवी महारज्ञा को उनके कहने से श्रीनगर के हिमालयों में स्थापित कर दिया।उस समय वहां पर लोगों का आना जाना बहुत कम था जिसकी वजह से माता भवानी को उपेक्षा का शिकार होना पड़ा परन्तु एक बार एक पंडित वहां से गुज़र रहा था तब माता ने उस पंडित को नाग के रूप में दर्शन दिए और पंडित को उस स्थान तक ले गयी जहाँ उनका स्थान था।

इसके बाद वहां मंदिर का निर्माण कराया गया।जहाँ पर माता की मूर्ति भी स्थापित हैं। बाद में राजा प्रताप सिंह ने 1912 ई. में मंदिर का पुनर्निर्माण कराया।

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