ये मुर्गा, सिर कटने के बाद भी 18 महीने तक चुगता रहा दाना

ये मुर्गा, सिर कटने के बाद भी 18 महीने तक चुगता रहा दाना (  )
मिरैकल माइक: सिरकटा मुर्गा

ओस्लेन और क्लारा नाम के दंपत्ति अमेरिका में अपना एक मुर्गी फॉर्म चलाते थे। उनका एक मुर्गा बिना सिर के 18 महीनों तक जिंदा रहा। इस बिना सिर के मुर्गे ने उन्हें करोड़पति बना दिया। आपको बता दे की ओस्लेन और उनकी पत्नी क्लारा ने सितंबर 1945 को मुर्गे का गला काटा था। जिसके बाबजूद वह 18 महीने तक जीवित रहा आइए और जानते है इस सिर कटे मुर्गे के बारे में नीचे पढ़े…

जन्म और मृत्यु

  • Born : Born April 20, 1945 (Fruita, Colorado, U.S.)
  • Died : March 17, 1947 (aged 23 months)

इस सिर कटे मुर्गे का जन्म 20 अप्रैल 1945 में अमेरिका में हुआ था और उसकी मृत्यु 17 मार्च 1947 में हुई

मुर्गी फॉर्म चलाते थे पति-पत्नी

ओस्लेन और क्लारा अपना मुर्गी फॉर्म चलाते थे और ‘चिकन’ की सप्लाई भी करते थे। वह रोज दिन में 50-60 मुर्गों को काट लेते थे।एक दिन उन्होंने एक मुर्गे का सिर काटा और उसे साइड में रख दिया।जब उन्होंने मुर्गे को साइड में रखा तो बिना सिर के ही मुर्गा वहा से भाग गया दूसरे दिन उन्हें वह मुर्गा पास में ही एक समुद्र के किनारे पर जिंदा मिला।

बिना सिर मचाया उत्पात

बिना सिर के मुर्गे को दिखाई नही दिया तो वह ऐसे ही दोड़ लगाता रहा और फड़फडाता रहा ।उसने सब जगह उत्पात मचाया दिया और बाद में समुद्र के किनारे जा कर बेहोश हो गया । दूसरे दिन सुबह जब मुर्गा ओस्लेन और क्लारा को मिला तो वह दुबारा फड़फड़ाने लगा।

सिर कटे मुर्गे की खबर आग की तरह फैली

उस सिर कटे मुर्गे की खबर आग की तरह पूरे इलाके में फैल गई । लोग हैरान थे कि ऐसा कैसे हो सकता है ।लोग उस सिर कटे मुर्गे को देखने आने लगे अख़बार वाले और टीवी शो वाले भी ओल्सेन के पीछे पड़ गये।

लेखक होप वेड ने इसे नाम दिया

ओल्सेन उस मुर्गे को जांच के लिए विश्वविद्यालय ले गये, जहां उसकी जांच की गई इसके बाद उस सिर कटे मुर्गे पर टाइम मैग्ज़ीन में एक स्टोरी भी छपी उसके लेखक होप वेड ने इसे मिरैकल माइक का नाम दिया था।

ऐसे हुई मौत

माइक को हमेशा सीरिंज से लिक्विड फूड दिया जाता था और समय-समय पर उसका गला साफ़ किया जाता था ताकि सांस लेने में उसे कोई दिक्कत न हो। लेकिन एक रात परिवार वाले माइक का ये सब काम करना भूल गये और अगले दिन ‘1947 में ‘मिरैकल माइक’ की मृत्यु हो गई थी

जीवित रहने की वजह

शोधकर्ताओं के अनुसार मुर्गो का दिमाग सिर पर नही होता बल्कि आँखों के पीछे खोपड़ी पर होता है। माइक का दिमाग भी उसके शरीर से जुड़ा रह गया, कटा नही जिस वजह से वह इतने दिन तक जीवित रह पाया।

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