ज्योतिष के अनुसार बुध पर्वत हथेली की सबसे छोटी ऊँगली पर स्थित होता है। यदि बुध पर्वत पर भवर का चिन्ह हो तथा ऊँगली से नीचे का क्षेत्र अच्छे से विकसित हो, तो व्यक्ति में बुध के गुण आ जाते हैं। यदि कनिष्ठा ऊँगली लम्बी हो तो भी व्यक्ति में बुध के गुण आ जाते हैं। भले उसका बुध क्षेत्र विकसित न हो तो भी व्यक्ति बुध गुण प्रधान हो जाता हैं। बुध गुण प्रधान व्यक्ति चंचल तथा अत्यंत कार्य कुशल हो जाता हैं।
बुध पर्वत के ये है अन्य गुण –
- बुध व्यक्तियों को अत्यंत बातूनी, हाजिर -जबाब के गुण प्रदान करती है।ये लोग अच्छे भाषण करता तथा अभिनेता बन सकते है। बुध ग्रह को व्यपार तथा डाकूओ का देवता माना जाता हैं। अधिक से अधिक सफलता दिलाने वाला क्षेत्र बुध को ही माना जाता है।
- जिनका बुध अच्छा हो उनमें बुद्धि ,विवेक और चतुराई कूट-कूट कर भरी होती हैं। इसी गुणों के कारण यह अत्यंत सफल व्यपारी बनते है। इनको दूर-दूर यात्राएं करने और नए-नए मित्र बनाने में आनंद आता है।
- बुध जिनका अच्छा होता है वह असाधारणतः खिलाड़ी बनते हैं। यदि बुध क्षेत्र में दो या तिन खड़ी समांतर रेखा है, तो ऐसे व्यक्ति वैज्ञानिक विषयों के अध्यन में काफी रूचि लेते हैं। चिकित्सक ,वकील या वैज्ञानिक के रूप ,में काफी सफल होते है। जिसका बुध क्षेत्र दबा हुआ होता तो उसमे नकारात्मक उर्जा भर जाती है। ऐसा व्यक्ति आलसी ,मक्कार,जुआरी,और चोर उचक्के बन जाता है।
- जब ऊँगली छोटी और टेढ़ी मेढ़ी हो तो भी इससे यह ज्ञात हो जाता है कि वह पहले दर्जे का धूर्त और अपराधी मनोवृत्ति का व्यक्ति है।
- बुध गुण प्रधान व्यक्ति जहा कुशल व्यपारी होते है। वही उन्हें तनाव के कारण उनका पाचन तन्त्र ठीक तरह से काम नही करता है कोई न कोई विकार बना रहता है।