एक राजा की दो बेटियां थी| कनिका और मनिका | कनिका सीधी सादी थी जो घर के कामो में उलझी रहती थी | मनिका तेज और रूप के साथ सर्वगुण सम्पन्न थी |राजा को दोनों बेटियों की शादी की चिंता लगी रहती थी | राजा चाहता था की उसकी बेटी मनिका जैसी है तेज और सुंदर तो उसका पति भी वैसा हो राजा ने एक दीन आदेश दिया सिपाहियों की जाओ मेरी बेटी मनिका जैसी है उसके लिए वैसा ही छबीला वर तलाशो|
राजा के आदमी मनिका की फोटो लेके उसके लिए वर तलाशने निकल पड़े भटकते भटकते आखिर रामपुर नामक राज्य में पहुंचे और वहां के राजा विराट के भतीजे शिव को देखा| देखते ही राजा के आदमियों को पहली ही नजर में शिव मनिका के लायक लगा उन्होंने शिव को एक तरफ लेकर मनिका की फोटो दिखा दी और विवाह का प्रस्ताव रखा शिव भी मनिका का फोटो देख राजी हो गया
राजा के आदमी वापस लौटे और राजा को शिव के बारे में बताया|
राजा के आदमियों ने बताया की शिव चरित्रवान,दानी,मीठे वचन बोलने वाला, पराक्रमी है ऐसे गुण वाले व्यक्ति कम ही मिलते है|
शिव के बारे में सुन कर राजा भी बहुत खुश हुआ और उसने अपने पंडित को बुलाकर रामपुर भेज दिया शिव और मनिका की शादी तय करने के लिए | मनिका भी शिव को पसंद करके फ़िदा हो गई और फोटो को देखकर ही उसे उसी वक्त अपना पति मान लिया
पंडित रामपुर पहुँचा और वहा के राजा विराट को मनिका की फोटो दिखा कर शिव से शादी तय करने हेतु बात की पर राजा विराट का मन मनिका की खूबसूरत फोटो देखते ही फिसल गया और बोला
मनिका से तो शादी हम करेंगे पंडित जी |”
55 साल का बूढा जिसके मुंह में दांत नहीं वह मनिका के रूप से प्रभावित हो गया पंडित जी चौकते हुए बोले ये क्या कह रहे है आप राजा साहब राजा को पंडित ने बहुत समझाया पर वह कहाँ मानने वाला था उसने पंडित को हीरे मोती देकर अपनी तरफ कर लिया| पंडित ने चालाकी दिखाई और उसने मनिका की शादी राजा से और कनिका की शिव से शादी तय करदी| शिव को इस बात का पता चला तो वह भी बहुत दुखी हुआ उसे वह बहुत चाहने लगा था पर कर भी क्या सकता था आखिर राजा का हुक्म भी मानना ही पड़ेगा मजबूर था |
अब रामपुर से बारात राजा के घर आई| लोगों ने देखा एक घोड़े पर एक जवान दूल्हा बैठा है और दूसरे घोड़े पर बुढा दूल्हा राजा ने भी देखा तो उसने पंडित को बुलाकर पुछा –
शिव घोड़े पर बैठा है पर दुसरे घोड़े पर बुढा क्यों बैठा है?
तब पंडित ने बताया-“कि शिव की शादी कनिका से और मनिका की शादी राजा विराट से तय की है तो वह आया है विवाह करने राजा को इस बात का पता लगते ही पंडित पर बहुत गुस्सा आया वह उसे जो चाहे दंड दे सकता था पर राजा विराट बहुत बड़ा राजा था इसलिए उसे बिना मनिका को दिए लौटाना आसान नहीं था|राजा बहुत बड़ा शक्तिशाली था तो उसने मज़बूरी में मनिका की शादी राजा विराट से करवाने के लिए मानना पड़ा |मनिका को जब इस बात पता चला तो उसके बदन में मानों आग लग गयी हो|वह इस खबर से बहुत घुस्सा हुई और निश्चय किया कि वह शादी शिव से ही करेगी और उसने अपनी एक खास दासी को बुलाकर शिव के पास संदेश भेज दिया कि वह उसी की है और उसी की होकर रहेगी तुम चिंता मत करना तुम दासी के साथ मेरे कक्ष पर आ जाओ फिर शिव बाथरूम का बहाना करके दासी के साथ मनिका के कक्ष पर पंहुचा वहा दोनों एक दुसरे के गले लग गए और रोने लगे ,मनिका ने उसे सिंदूर देकर कहा की दुनिया की नजरो में जो भी हो पर मेरी नजरो में तुम ही मेरे पति हो तुम मेरी मांग भरदो मांग में सिंदूर डाल कर शिव वापस अपनी जगह जा कर बैठ गया
लोगों की नजर में कनिका की शादी शिव से और मनिका की बूढ़े राजा से हो गई पर हकीकत कुछ ओर ही थी| दोनों बहने शादी करके रामपुर पहुची मनिका राजा के महल में और कनिका शिव के महल में| दोनों को अलग अलग नौकरानियां अलग-अलग महल और पुरे ठाठ बाट मिले थे पर मन से मनिका और शिव दोनों दुखी थे |
बुढा राजा मनिका के करीब जाने का प्रयास बार बार करता पर मनिका कोई न कोई बहाना बनाकर उसे टाल दिया करती | क्योंकि वह तो अपना पति शिव को मान चुकी थी और मांग भी शिव ने ही भरी थी उस हिसाब से तो शिव की ही पत्नी थी मनिका | पर दोनों अलग-अलग थे आपस में मिलना तो दूर की बात है बिचारे एक दूसरे को देख भी नही पाते |शिव भी मनिका से मिलने को बैचेन दुखी परेशान रहता था एक दिन दासियों के सहयोग से शिव छुपकर मनिका के महल में घुस गया मनिका उसे देखते ही चिपक गई और रोने लगी फिर वह आपस में प्रेम मिलन करने लगे| धीरे धीरे ये बात राजा विराट की दूसरी पत्नियों तक पहुंची और उसके बाद राजा तक| एक दिन शिव मनिका के कक्ष में था और प्रेम लीला में मंगन था इतने में अचानक राजा विराट वहां कक्ष पर पहुचने वाला था की |
मनिका की दासियों ने उसे चौकन्ना कर दिया था तो मनिका ने शिव को वहा छुपा दिया जल्दी से राजा महल में इधर उधर देख रहा था पर वह शिव को न खोज पाया तो चला गया
ऐसे चोरी छुपे मिलते दोनों को महीनों गुजर गए| उनकी हरकतें राजा तक जाती रही पर राजा कभी दोनों को एक साथ नहीं पकड़ सका| राजा ने शिव को मनिका से दूर रखने के बहुत प्रयास किए पर दोनों का प्यार कम ना हुआ| राजा के सोते ही शिव मनिका के महल में आ जाता और सुबह अधेरे में निकल जाता
एक दिन राजा ने अपनी बड़ी बीवी से कहा-शिव और मनिका के किस्से सुनते सुनते मैं तंग आ गया हूँ! ये शिव मर जाए तो ही इससे पीछा छूटे|”
बड़ी बीवी ने सलाह देते हुए राजा को एक उपाए बताया जिससे काम भी हो जाए और बदनामी भी ना हो|
उसने कहा की आप शिव को शिकार पर ले जाओ और यह अफवाह फैला दो की शिव शिकार में जानवर के हाथो मर गए वहा आप उसे खत्म कर देना ,राजा को यह सुझाव अच्छा लगा वह ले गया शिव को और महल में अफवाह फ़ैलाने सिपाही को भेज दिया
पुरे महल में रोना धोना शुरू हो गया| मनिका को भी पता चला तो उसके मुंह से सिर्फ यही निकला मेरा शिव यह कहते ही उसकी जान निकल गई वो मर गई
राजा के आदमियों ने जंगल में जा कर राजा विराट को मनिका की इस तरह हुई मौत की सुचना दी शिव भी वहीँ खड़ा था| वह सुनकर बोला मेरी मौत की खबर सुनते ही मनिका मर गयी| वो मुझसे बहुत और सच्चा प्यार करती थी इतना कहते ही शिव निचे गिर पड़ा और उसकी भी सांसे रुक गई
राजा विराट को अब समझ आया कि प्यार क्या होता है ? उसने घुटने टेक कर भगवान से माफ़ी मांगी- ” हे !ईश्वर मैंने इन दोनों सच्चे प्रेमियों के बीच आकर बहुत बड़ा गुनाह किया है, मुझे माफ़ कर देना|
कहानी की सिख- प्यार अगर सच्चा हो तो कोई उसे अलग नही कर सकता न तो उनके जीते जी न उनके मरने के बाद प्यार का बंधन अटूट होता है