बच्ची की मासूमियत

बच्ची की मासूमियत (  )

एक शहर में  राजेश  नाम का आदमी था उसकी एक बेटी थी छोटी सी 7 साल की  श्रेया राजेश अक्सर घर लेट आता था वह अपनी बेटी से मिल भी नही पाता था न ही उनमे बात हो पाती थी ज्यादा   बच्ची अपने पिता को बहुत मिस करती थी  एक दिन राजेश  देर रात तक काम करने के बाद थका-हारा घर पहुंचा

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तो उसकी बेटी रात को 12 बजे तक जागी हुई थी की पापा से मिलके ही सोउगी आज राजेश आया  दरवाजा खोलते ही उसने देखा कि उसकी छोटी सी बेटी  सोने की बजाय उसका इंतज़ार कर रही  है

पापा को देखते ही बेटी पापा के गले लग गई और बोली पापा आप दिन भर में कितना कमा लेते हो ? राजेश ने कहा क्यों बेटा  क्या करोगी जानके

श्रेया बोली बताओ न पापा पहले ,राजेश थका था तो चिडकर बोला जाओ उधर अभी दिमाग न ख़राब करो

बच्ची फिर भी बोली बताओ ना पापा प्लीस

राजेश चिल्ला कर बोला बडो से मुह  ना  चलाया करो नहीं बताऊंगा मै कुछ जा कर चुपचाप सो जाओ श्रेया रोती हुई अपने कमरे में चली गई

राजेश अभी भी गुस्से में था और सोच रहा था कि आखिर उसकी बेटी  ने ऐसा क्यों पूछा कुछ समय बाद जब उसका घुस्सा उतरा तो उसने अपनी बेटी के पास जा कर पूछा की बेटा तुम क्यों पूछ रही थी ? शायद मैंने बेकार में ही तुम्हे डांट दिया।

मै  दिन भर के काम से  बहुत थक गया था  इसलिए घुस्सा किया मै  दिनभर में  500 रूपये कमाता हूँ श्रेया   दौड़ कर गई अपनी गुल्लक  निकाली और पिता के सामने फोड़कर पैसे गिनने लगी  और चिल्ला  कर खुश होकर बोली यह देखो पापा मेरे पास है 500 रूपये है

पापा आप यह 500 लेलो और कल ऑफिस मत जाओ पिता ने कहा क्यों बेटा ?

श्रेया बोली पापा कल मेरा बर्थ डे है और मै आपके साथ मनाना चाहती हूँ अपना बर्थ डे सबके पापा अपने बच्चो के पास होते है उनके जन्मदिन पर मेरे नहीं होते

यह सुनकर राजेश के आँखों में पानी भर आया उसने अपनी बेटी को गले लगा कर चूमा और कहा बेटा कल हम साथ आपका बर्थ डे मनाएगे अब तो खुश हो

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श्रेया बोली  मुस्कुराते हुए हां पापा

कहानी की सिख- अपने जीवन को इतना व्यस्त न बनाए की आप उनके प्यार से वंचित रह जाए जो आपको दुनिया में सबसे ज्यादा प्यार करते हो

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