सुनीता नाम की एक पढ़ी-लिखी लड़की थीं जिसका विवाह राम नगर गाँव के कम पढ़े-लिखे लड़के से हुआ पर वह लड़का बहुत धनवान था। जब वह लड़की शादी करके गाँव गई तो अपना सारा सामान भी साथ लेकर गई उसके ससुराल में सिर्फ एक देवर था। जो की थोड़ा मंदबुद्धि और छोटा था वो अपने भाई का लाड़ला भी था।
जब देवर ने देखा की भाभी बहुत सामान लाइ है अपने साथ तो वह सामान देखने लगा उसे वहा कॉलगेट दिखा उसने उसे निचोड़ के चखा तो उसे मीठा लगा। फिर क्या था वह वहीं बैठ कर आराम से कॉलगेट खाने लगा। इतने में वहा उसकी भाभी आ गई ओर आते ही जोर से चिल्लाने लगीं की गवार कहिके इसे ऐसे खाते है क्या? और एक चाटा जोर से देवर को मार दिया ।
वह रोता रोता अपने भाई के पास गया और कहने लगा की भाभी ने मुझे चाटा मारा ।तब उस लड़की का पति बहुत क्रोधित होकर आया और अपनी पत्नी से चिल्ला कर बोला तुमने मेरे भाई पर हाथ कैसे उठाया?
सुनीता ने बताया की ये कॉलगेट निचोड कर खा रहा था तो मेने घुस्से में चाटा मार दिया । फिर उसका पति कहने लगा बताना जरा क्या है ये कॉलगेट जिसके लिए तुमने मेरे भाई को मारा ऐसा क्या सोना चांदी है जो तूने मेरे भाई को मारा।
पत्नी ने दिखाया की यह है,फिर पति ने भी थोड़ी चख कर देखी और कहने लगा की सही में ये तो अच्छी चीज़ है। तो उसने तुरंत अपने भाई को जोर् से चाटा मारा और कहने लगा की गवार इसको ऐसे थोड़ी खाया जाता है पागल लड़के इसे तो रोटी में चिपोड़ कर खाया जाता है।