पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी पेड़ों में से पीपल का पेड़ ऑक्सिजन को शुद्ध करने वाला और सबसे अहम वृक्ष होता है। यह एक ऐसा पेड़ है जो की 24 घंटे हमें ऑक्सिजन देता है जबकि अन्य पेड़ रात में कार्बन डाईऑक्साइड या फिर नाइट्रेट छोड़ते हैं। इसके पेड़ के नीचे रहने वाले लोग बुद्धिमान, निरोगी और अधिक उम्र वाले होते हैं।पीपल के वृक्ष के नीचे ही गौतम बुद्ध ने ज्ञान की प्राप्ति की थी।
इन रोगों में करता है पीपल चमत्कार –
हृदय रोग में :
इसके तीन ताजा पत्तों के आगे-पीछे के कोनों को तोड़कर रोज सुबह खाली पेट चबाने से खून साफ होता है। ये धमनियों में जमे हुए कोलेस्ट्रॉल को दूर कर ऑक्सीजन का संचार करते हैं।
दांतों के लिए है लाभकारी :
दांतों की मजबूती और सफेदी के लिए पीपल के तने से बनी दातून का प्रयोग किया जाता है। पीपल की दातून से दांतो का दर्द दूर होता है। इसके अलावा 10 ग्राम पीपल की छाल, कत्था और 2 ग्राम काली मिर्च को बारीक पीसकर बनाए गये मंजन का प्रयोग करने से भी दांतो की सभी समस्याओं से निजाद मिलता है। इसके अलावा दांतो की बदबू, दांतो का हिलना, मसूड़ों का दर्द और सड़न को दूर करने में भी पीपल मदद करता है।
बुखार की समस्या में :
इसके तीन ताजा पत्ते एक गिलास पानी में उबालें, पानी जब आधा रह जाए तो गुनगुना होने पर पी लें। तेज बुखार में ऎसा दिन में 2-3 बार करने से लाभ होता है।
गैस और पेट से सम्बन्धित रोग :
बाहर के और अनियमित ख़ान-पान की वजह से पेट से जुड़ी कई प्रकार की समस्याएँ पैदा हो जाती हैं जैसे कब्ज, गैस, दस्त और पेट दर्द आदि। इन सभी को दूर करने में पीपल की पत्तियाँ मददगार होती हैं। इसके उपयोग के लिए पीपल के ताजे पत्तों को कूटकर इनका रस निकाल लें और इसे रोजाना सुबह-शाम पिएं। ऐसा करने से वात और पित्त रोग में भी आराम मिलता है।