हमें तो जोगनिया बनाए गयो री ।
वो छलिया नन्द को री
वो छलिया नन्द को री
हमें तो जोगनिया बनाए गयो री॥
आप तो जाके श्याम मथुरा विराजे ॥
हमें तो गोकुल में बसाए गयो री,
हमें तो गोकुल में बसाए गयो री,
यशोदा नन्द को लाला री. . .
हमें तो जोगनिया बनाए गयो री॥
हमें तो जोगनिया बनाए गयो री॥
आप तो खावे श्याम माखन मिश्री॥
हमें तो खट्टी छछिया पिलाये गयो री,
यशोदा नन्द को लाला री. . .
हमें तो जोगनिया . . . . .
आप तो पहने श्याम रेशम कुरता
हमारे तन भस्म रमाये गयो री ॥
यशोदा नन्द को लाला री. . .
हमें तो जोगनिया . . . .
यशोदा नन्द को लाला री. . .
हमें तो जोगनिया . . . .
मोहन के सर पे मुकुट विराजे ।
कान्हा के सिर पे मुकुट विराजे। हमारे सर जटा रखाए गयो री॥
यशोदा नन्द को लाला री. . .
हमें तो जोगनिया बनाए गयो री ।
हमें तो जोगनिया बनाए गयो री ।
वो छलिया नन्द को री
हमें तो जोगनिया बनाए गयो री ।
हमें तो जोगनिया बनाए गयो री ।
वो छलिया नन्द को री
हमें तो जोगनिया बनाए गयो री ।