Home » कविताएँ
तोड़ो तोड़ो तोड़ो ये पत्थर ये चट्टानें ये झूठे बंधन... more
मधुर मधु-सौरभ जगत् को मधुर मधु-सौरभ जगत् को... more
मुझे फूल मत मारो मुझे फूल मत मारो, मैं अबला बाला... more
नील पर कटि तट जटनि दै मेरी आली नील पर कटि तट जटनि... more
मधुशाला उतर नशा जब उसका जाता, आती है संध्या बाला,... more
मेघ बरसने वाला है मेरी खिड़की में आ जा तितली।... more
कुदरत हमको रोज सिखाती जग हित में कुछ करना सीखे... more
नीर – मैं नीर भरी दुःख की बदली, स्पंदन में चिर... more