गणपति बप्पा को चाहते है घर लाना तो जाने क्या है सही तरीका उन्हें घर बुलाकर प्रसन्न करने का

गणपति बप्पा को चाहते है घर लाना तो जाने क्या है सही तरीका उन्हें घर बुलाकर प्रसन्न करने का (  )

अगर आप भी चाहते है की आपके  घर देवी देवताओ का वास हो,देवी देवता आपसे  प्रशन्न रहे आप पर कृपा बरसाए तो जानिए क्या है सही विधि गणपति बप्पा को घर बुलाकर प्रसन्न करने का….

सही तरीका गणपति बप्पा के स्वागत का 

घर को  साफ सुथरा करे उसे फूलो और पीपल आम के पत्तो से सजाएं,संवारें,निखारें। उनके आने से पहेले घर को  खूबसूरत बना दे की गणपति बप्पा देखते ही  प्रसन्न हो जाए। खुश होकर  कहें कि बस अब कहीं नहीं जाना इसी घर में वास  करना  है। सुख, सुविधा, आराम, खुशियां जितनी आप गणपति  बप्पा को  देंगे उससे कहीं ज्यादा आपको वो देके जायेगे  उनके स्थापना का स्थान बहुत अच्छे से साफ करें साफ सफाई का ध्यान रखे अच्छे  से । सबसे पहले स्थान को  साफ पानी से धोएं या गंगा जल से करे एक मुट्ठी चावल रखें।

अब चावल पर छोटा ,चौकी या पटा रखें फिर एक लाल, केसरिया या पीले वस्त्र को उस पर बिछाएं।लाल रोली या कुंमकुंम से बिलकुल सीधा सही और अच्छे  से स्वास्तिक बनाएं। चार हल्दी की बिंदी लगाएं। जहा गणपति बप्पा को रखे उस स्थान को लाइट लगा के चमका दे । चारों तरफ रंगोली, फूल, आम के पत्ते आदि  से स्थान को सुंदर और आकर्षक बनाएं। आसपास इतना स्थान अवश्य रखें कि आरती की किताब , दीप, धूप, अगरबत्ती, प्रसाद रख सकें। सपरिवार आरती में शामिल होना जरूरी है अत: किसी ऐसे कमरे में गणेश स्थापना करें जहां सब आराम से  दूरी के साथ खड़े हो सके। एक तांबे का साफ कलश शुद्ध पानी भर कर, आम के पत्ते और नारियल के साथ सजाएं। यह सब  तैयारी गणेश उत्सव के आरंभ होने के पहले कर लें।जब गणपति बप्पा को लेने जाएं तो नए और साफ कपडे अवश्य पहने ।

ganapati.21पुरुष सिर पर टोपी, साफा या रूमाल जरुर रखे । स्त्रियां सुंदर रंगबिरंगे कपडे और जो भी आभूषण हो  पहनें।खुसबू वाला गजरा लगाएं। अगर हो  सके तो चांदी की थाली साथ में लेकर जाएं  यदि ना हो तो पीतल या तांबे की थाली भी चलेगी और  घंटी, खड़ताल, झांझ-मंजीरे लेकर जा सके तो वो बहुत ही अच्छा होगा ।

यदि घर की गृह लक्ष्मी  गणपति बप्पा लाये तो अति उत्तम है ।वह सबसे पहले गणपति बप्पा को द्वार तक लाये फिर खुद अंदर जाये  स्वयं फिर   पूजा की थाली से उनकी आरती उतारें। उनके लिए सुंदर और शुभ मंत्र बोलें। आदर सहित् गणपति बप्पा को घर के भीतर लाए  उनके लिए तैयार स्थान पर जयकारा लगाते हुए| शुभ मुहूर्त में स्थापित करें। सभी परिजन मिलकर कर्पूर आरती करें। जो भी पकवान आपने बनाये हो गणपति बप्पा के लिए  वो सब भोजन परोस कर भोग लगाएं। लड्डू या मोदक अवश्य बनाएं। पंच मेवा भी रखें। प्रतिदिन प्रसाद के साथ पंच मेवा जरूर रखें।

आवश्यक सामग्री

पंचमेवे,पान,फुल,आम ,केला, पीपल के पत्ते,सुपाड़ी,गेहू,चावल,मोदक,सम्पूर्ण भोजन,रोली,मोली,हल्दी,कुमकुम

इसके बाद गणपति बप्पा के  मंत्रो से जल लेकर तीन बार घुमाये  । मंत्र बोलते हुए सभी ओर जल छिड़कें इस प्रकार पूरा वातावरण शुद्ध हो जाएगा|

इस मंत्र का उचार्ण करे  –– ॐ केशवाय नम:। ॐ नारायणाय नम:। ॐ माधवाय नम:। 

गणेश जी के स्थान के उलटे हाथ की तरफ जल से भरा हुआ कलश चावल या गेहूं के ऊपर स्थापित करें। धूप व अगरबत्ती लगाएं। कलश के मुख पर मौली बांधें और आम के पत्तो  के साथ एक नारियल उसके उपर रखें। नारियल की जटाएं हमेशा उपर की ओर  रहनी चाहिए। घी और  चंदन को ताम्बे के कलश में नहीं रखना चाहिए। गणपति बप्पा के स्थान के सीधे हाथ की तरफ घी का दिया और दक्षिणावर्ती शंख रखना चाहिए।

नियम बना ले 10 दिनों तक

पूजा के पहले हाथ में चावल , जल और  फुल लेकर स्वास्ति वाचन,गणपति ध्यानऔर  सभी देवी -देवताओं का ध्यान करें। अब चावल और फुल चौकी पर चढ़ा दे। इसके बाद  एक सुपारी में मौली लपेटकर चौकी पर थोड़े-से चावल रख कर उस पर वह सुपारी स्थापित करें। गणपति बप्पा का आह्वान करें। इसके बाद कलश पूजन करें। कलश उत्तर-पूर्व दिशा या चौकी की बाईं ओर स्थापित करें। कलश पूजन के बाद दीप पूजन करें।गणेश पूजन करें। पूरी विधि पूर्वक पूजन करें। फिर आरती करें। नियम बना ले की 10 दिनों तक आरती करने का एक ही वक्त रहे उसमे कोई अंतर न हो|

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