गलती को स्वीकारना
- अपनी गलती स्वीकार कर लेने में लज्जा की कोई बात नहीं है।
- इससे, दुसरे शब्दों में, यही प्रमाणित होता है कि।
- बीते हुए कल की अपेक्षा आज आप अधिक बुद्धिमान हैं।
– अलेक्जेन्डर पोप
गलती को स्वीकारना
– अलेक्जेन्डर पोप