कुवारी रहने का दोष हटाने के लिए करना पड़ता है यहाँ की लडकियों को ये

कुवारी रहने का दोष हटाने के लिए करना पड़ता है यहाँ की लडकियों को ये (  )

शादी विवाह में आम रीती-रिवाज तो आपने काफी सुने होगे और देखे तथा किये भी होगे, पर इन आदिवासियों की अद्भुत परम्परा है फूलो से विवाह करवाने की तो आइए जाने क्या है ये विवाह और कैसे होती है  फूलो से शादी ।

आदिवासियों का फूलो का विवाह कन्या से करवाना :

भारत के इस राज्य गुजरात में यह परम्परा अपनाइ जाती है यहाँ के आदिवासियों की यह परम्परा है की जब किसी कन्या को उचित समय पर वर नहीं मिल पाता है तो उस कन्या का विवाह फूलो से करवा दी जाती है ।

वहा की मान्यताए है की:

वहा के लोगो का मानना है की इस तरह फूलो से विवाह करवा देने पर उस कन्या का कुवारी रहने का दोष हट जाता है यह सब पुरे विधि विधान से होता है जैसे एक कन्या और वर का विवाह होता है इसके बाद उस कन्या को  सुहागन माना जाता है ।

नहीं मानी जाती कभी भी विधवा:

फूलो से शादी के बाद अगर उस कन्या का विवाह किसी वर से करवा दिया जाता है और उसके वर की कभी मृत्यु हो भी जाए तो भी वह विधवा नही कहलाती है क्योकि यहाँ के आदिवासी मानते है की फूलो से विवाह के बाद वह कन्या सदा के लिए सुहागन हो जाती है ।

No Data
Share on

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

You may use these HTML tags and attributes:

<a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>