बिना ऑपरेशन चाहती है “नार्मल डिलीवरी” तो इन योगासन से होगा लाभ

Pregnant Women in Yoga Pose
Pregnant Women in Yoga Pose

आजकल ज्यादातर केस में नॉर्मल डिलीवरी के बजाय ऑपरेशन से ही डिलीवरी होने लगी है। बच्चे को जन्म देते समय होने वाले दर्द से बचने के लिए महिलाएं आमतौर पर सिजेरियन तकनीक के सहारे बच्चे को जन्म दे रही हैं। वैसे कई बार डिलीवरी में कॉम्प्लिकेशन के चलते भी डॉक्टर सिजेरियन कराने की सलाह देते हैं। लेकिन आपको बता दे नॉर्मल डिलीवरी के मुकाबले सिजेरियन डिलीवरी के बाद महिलाओं को अपने खाने-पीने से लेकर स्वास्थय का खास ख्याल रखना होता हैं। जैसे 2 महीने तक वजनी सामान न उठाना, सीढियाँ न चढ़ना आदि।

यदि प्रेगनेंसी के दौरान कुछ चीजों का ध्यान रखा जाए तो काफी हद तक डिलीवरी में होने वाली कॉम्प्लिकेशन को कम किया जा सकता है और नार्मल डिलीवरी के चांसेस को बढाया जा सकता हैं।

आज हम गर्भवती महिलाओं के लिए कुछ ऐसे योग आसन बताने जा रहें हैं जिसे करने से नार्मल डिलीवरी के चांसेस बहुत बढ़ जाते हैं।

 सबसे पहले ये बता दें की गर्भावस्था के दौरान किन योगासन को नहीं करना है।

  • नौकासन
  • चक्रासन
  • अर्धमत्स्येंद्रासन
  • भुजंगासन
  • विपरीत शलभासन
  • हलासन

    इन योगों को आपको बिल्कुल भी नहीं करना है और एक बात का ध्यान दें किसी भी योग को प्रेगनेंसी के दौरान शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की राय अवश्य लें तो ये बहुत अच्छा होगा।

वक्रासन

Vakrasana Yoga for Normal Delivery
Vakrasana Yoga for Normal Delivery

वक्रासन दो शब्दों से मिलकर बना हैं जिसमें वक्र का अर्थ हैं टेढ़ा मतलब ऐसा आसन जिसमें हमारे शरीर कि मुद्रा टेढ़ी दिखाई देती हैं।  इस योग को करने के लिए हमें जमीन पर चटाई बिछाकर अपने दोनों पैरों को सीधे करके बैठना हैं उसके बाद एक पैर को घुटनों कि तरफ मोड़ने हैं और उसी तरफ के हाथ को पीछे की ओर ले जाना हैं और गर्दन को पीछे की ओर हल्का सा घुमा के रखना हैं। इस आसन को कम से कम दो मिनट तक करना हैं ।वक्रसना या ट्विस्ट पॉज़ गर्भवती महिला के लिए सबसे अच्छे रूप में से एक है। यह मुद्रा रीढ़ की हड्डी को मजबूत करती है, आपकी गर्दन, हाथ और पैर के जोड़ों को फैलाती है। यह धीरे-धीरे पेट के अंगों को मालिश करती  है। ये सभी अभ्यास आपको नार्मल डिलीवरी में मदद करते हैं।

उत्कटासन

Woman does Yoga

इस आसन में हम कुर्सी की मुद्रा में खड़े हो जाएंगे मतलब कि खड़े होकर अपने दोनों घुटनों को हल्का सा मोड़ लेंगे और फिर दोनों हाथों को सामने के तरफ सीधा कर लेंगे। यह आसन आपके पैरों, विशेष रूप से कूल्हों और जांघों में मांसपेशियों को उत्तेजित करता है। आपके शरीर का वजन आपकी जांघों और पैरों पर है।  गर्भावस्था के दौरान यह आपके पीठ और पेट से कुछ तनाव और वजन को अपने पैरों पर स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक है। यह आसन भी आपके अंगों में रक्त के संचलन को बढ़ाता है, इस प्रकार सूजन को कम करता है और रोकता है।

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