मेहनत की कमाई का मूल्य

मेहनत की कमाई का मूल्य (  )
मेहनत की कमाई

एक लड़का था करीब 12 या 13 साल का जो काफी आलसी और निक्कमा था। उसके माता-पिता उसके ऐसे व्यवहार से काफी परेशान थे और उसके भविष्य के बारे में सोचकर  काफी चिंतित भी रहते थे।  वह लापरवाह और  किसी के बारे में ना सोचने वाला लड़का था। पर अपने  पिता से बहुत डरता था और माँ का लाड़ला था। वह पिता के पैसों को लापरवाही से उड़ाता था, उसे ना तो पैसों की बरबादी की चिंता थीं और ना ही किसी चीज का मतलब था।

एक दिन उसके पिता ने उसे समझाने के लिए योजना बनाई उन्होंने उसे कहा की जा कुछ  पैसे  कमा आ शाम तक पैसे लेकर  ना आया तो तुझे घर में घुसने नहीं  दूंगा। तब लड़का परेशान हो गया और  सोचने लगा की में कहा से  पैसे  लाऊंगा तब वह चुपके से अपनी माता के पास गया और रोने लगा मुझे पैसे दो वरना पिताजी मुझे भगा देगे। उसका रोना उसकी माता से देखा नहीं गया तब उन्होंने उसे पांच रूपये दिए।

उसके पिता जब शाम को काम से घर आए तब वह खुश होकर अपने पिता के पास गया  और  कहने लगा देखो पिताजी आज मैंने  पांच  रुपयें कमाए है। उसके पिता ने कहा अरे वाह जाओ इसे कुएँ  में  फेक  आओ तो वह तुरंत गया और वह सिक्का फेक आया।

लड़का अपने पिता से बात करता हुआ
लड़का अपने पिता से बात करता हुआ

उसके पिता ने कहा कल फिर जायेगा तू कमाने वरना घर में घुसने नहीं दुगा,फिर वह सोचने लगा की कल कहा से लाऊंगा अब पैसे  फिर वह अपनी माता के पास गया और  फिर जोर जोर से रोने लगा फिर उसकी माता ने दस रुपये दिए। उसके पिता के आने पर उसने कहा पिताजी आज मैंने  दस रुपये कमाए हैं। उसके पिता ने कहा की जाओ इसे कुएँ  में फेक आओ तब वह फटाफट गया और फेक आया।  उसके पिताजी ने फिर कहा कल फिर जाना ,ना गया तो घर में मत आना, अब वह फिर सोच में  पड़ गया की क्या करू, फिर वह माता के पास गया पर इस बार माता के पास भी पैसे  नहीं थे तो  उन्होंने मना कर दिया।

जब उसके पास कोई चारा न रहा तो वह काम ढूंढने  निकल पड़ा।  दिन भर भटकने के बाद उसे एक काम मिला चाय देने का उसे वहा काम करने पर  दो रूपये मिले। वह दो रूपये पा कर  बहुत  खुश हुआ उसकी ख़ुशी की सीमा नहीं थी। वह अपने पिता के पास शाम को थका हांरा पहुचा और खुश होकर  बोला पिताजी आज  मैंने  दो रूपये कमाए हैं।

पिता ने  फिर कहा जाओ इसे कुएँ में  फेक आओ ये सुनते ही लड़का बहुत क्रोधित होकर बोला। मैं नहीं फेकुंगा कितनी मेहनत से मैंने ये 2 रुपए कमायें हैं और आप  इन्हे फेकने के लिए बोल रहे हो।  वह जोर-जोर से रोने लगा तब पिताजी बोले अब समझे बेटा मेहनत किसे कहते है  और  मेहनत की कमाई  क्या होती हैं।
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