बुलट बाबा की मोटरसाइकिल करती है चमत्कार

बुलट बाबा की मोटरसाइकिल करती है चमत्कार (  )

जिस प्रकार लोग मदिर, मस्जिद और गुरूद्वारे में मत्‍था टेकते है ठीक उसी तरह इस बुलट बाबा के भी सामने माथा टेका जाता है यहाँ लोग मोटरसाइकिल के सामने मत्‍था टेक कर अपनी जिंदगी की सलामती दुआ करते है।

कौन थे ओम बन्ना:

पाली ज़िले के चोटिला गांव के निवासी 25 वर्षीय ओम सिंह राठौड़ (ओम बन्ना) का इसी राजमार्ग पर दो दिसंबर 1988 को सड़क दुर्घटना में देहांत हो गया था।जहां पर मौके पर ही उनकी मौत हो गई। थोड़ी देर बाद किसी राहगीर ने उन्‍हे सड़क पर पड़ा देखा। देखते ही वो ओम सिंह को पहचान गया क्‍योंकि उस इलाके में उनके अलावा किसी के पास बुलट नही थी ,इसके बाद मौके पर पुलिस भी पहुंच गई और उसने शव को कब्‍जे में लेकर मोटरसाइकिल को थाने भेज दिया।

चौकाने वाली बात:

एक बात चौकानें वाली हुई थाने में ,रात में बुलट थाने में ही खड़ी थी पर सुबह जब देखा गया तो मोटरसाइकिल थाने से गाएब थी। इतना देख पुलिस वाले मोटरसाइकिल को ढूढ़ने निकले तो वह उन्हें  घटना के स्थान पर ही पेड़ के नीचे खड़ी मिली।वो उसे दोबारा थाने लेकर आयें। लेकिन अगली सुबह फिर वही घटना हुई और मोटरसाइकिल ठिक उसी पेड़ के नीचे खड़ी मिली। बार-बार एक ही घटना होने के बाद पुलिस वालो ने गांव वालो की सलाह से उस बुलेट मोटरसाइकिल को पेड़ के नीचे ही एक चबुतरा बना कर रख दिया। अब सीकर, बाड़मेर आदि में भी ओम बन्ना को सड़क सुरक्षा दूत के रूप में पूजा जाने लगा है।

No Data
Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes:

<a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>