जब शहीद बेटे को तिरंगे में लिपटा देख, रिटायर फौजी पिता फूट-फूटकर रो पड़े

Army man manvendra singh emotional funeral
Army man manvendra singh emotional funeral

देश की रक्षा के लिए हमारे देश के बेटे हर समय सरहदों पर तैनात खड़े रहते हैं। हमारे देश के ऐसे  कई “शहीद सैनिक” बेटे हैं जो अपनी धरती माँ की रक्षा करते-करते शहीद हो गए। उनमें से कितनों ने कई-कई साल अपने घर का रुख तक नहीं किया था। अंतिम समय में अपने घरवालों के चेहरे तक न देख सकें। किसी की शादी को 10 दिन भी न हुआ और शहीद हो चले तो किसी को अपने जन्मे बच्चें की शक्ल तक देखना भी नसीब न हुआ। ऐसी कई कहानियां है जो मन को झंझोड़ कर रख देती हैं।

रिटायर फौजी पिता

आज हम बात करने जा रहे हैं एक रिटायर फौजी पिता “नरेंद्र सिंह” की जिस पिता ने अपने जिगर के टुकड़े  को सेना में जाने के लिए प्रोत्साहित किया। आज उसी बेटे को तिरंगे में लिपटा देख फौजी पिता की आंखें फूट-फूटकर रो पड़ी। लेकिन देश के लिए लड़ते हुए शहीद होने पर पिता की छाती चौड़ी हो गई और गर्व से माथा ऊँचा हो गया।

अपने बेटे को ऐसे देख पिता बोले-“मौत तो एक दिन आनी है, लेकिन मेरे बेटे ने देश के लिए प्राण न्यौछावर किए हैं। मेरा खून देश के काम आया है। यह मेरे लिए गौरव की बात है।“

दर्शनों के लिए उमड़ पड़ी भीड़

दर्शनों के लिए उमड़ पड़ी भीड़
दर्शनों के लिए उमड़ पड़ी भीड़

शहीद हुए “मानवेंद्र” के दर्शनों के लिए कालीमठ घाटी में काफी भीड़ उमड़ पड़ी। वहीं पत्नी  मां और बहनों का बुरा हाल था उन्हें सम्भालपाना  मुश्किल हो गया था । वह तिरंगे में लिपटे मानवेंद्र के शव को लिपट-लिपट कर रोने लगी। मानवेंद्र के पिता लकवे से ग्रसित है वह खुद को रोक नहीं पाए और बेटे के शव से लिपटकर रो पड़े।

तिरंगे में लिपटा मानवेंद्र
तिरंगे में लिपटा मानवेंद्र

 आपको बता दें 13 जून रात के समय जम्मू-कश्मीर के बांदीपुरा में आतंकी मुठभेड़ में मानवेंद्र शहीद हुए थे।

अंतिम विदाई के लिए 138 जवान मौजूद

सेना के 138 जवान मौजूद
सेना के 138 जवान मौजूद

अपने “वीर सैनिक मानवेंद्र” को अंतिम विदाई देने के लिए काली गंगा के पैतृक घाट पर सेना के 138 जवान मौजूद थे।

No Data
Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes:

<a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>