प्यार की निशानी की वे बाते जो किसी को आज भी पता नही

प्यार की निशानी  की  वे बाते जो किसी को आज भी पता नही (  )

ताजमहल प्यार की निशानी मानी जाती है  ।जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लाखो लोग आते है पर किसी को उसका रहस्य आज भी नही पता तो आज हम आपको  ताज़महल की कुछ ऐसी बातें बताएगें जो आपको शायद ही पता हो नीचे पढ़े ताजमहल के बारे में।

  • कई हिंदुओ के अनुसार ताजमहल एक शिव मंदिर है ।जिसका असली नाम तेजोमहालय है।
  • शाहजहाँ ने कुल 7 शादियाँ की थी और ताज़महल का निर्माण अपनी चौथी बेगम मुमताज़ की याद में करवाया था।
  • मुमताज़ की मौत उनके 14वें बच्चें को जन्म देते हुए हुई थी। मुमताज की मौत के बाद शाहजहाँ ने मुमताज की बहन से शादी कर ली थी।
  • विश्व में  सातवे अजूबों में शामिल है ताजमहल।
  • ताजमहल को बनाने में 22 साल लगे थे।
  • इसे बनाने का काम 1632 में शुरू हुआ और 1653 में खत्म हुआ।
  • इसे पूरा करने में लगभग 22,000 मजदूर लगे थे कहा जाता है ताजमहल के निर्माण के बाद उन सभी मजदूरो के हाथ काट दिए गए थे ताकि दुबारा ऐसा ताजमहल कोई बना न सके।
  •  ताज़महल के चारों मीनारों को इस तरह से बनाया गया है, कि किसी भी तरह की आपदा आने पर भी बीच वाले गुबंद पर नही गिरेगी ये मीनारे ।
  • हर रोज पूरी दुनिया से लगभग 12,000 लोग इसे देखने आते रहते है।
  • इसमें लगा हुआ संगमरमर पत्थर राजस्थान, चीन  अफगानिस्तान और तिब्बत से आया था
  • ताजमहल की सजावट का समान ले जाने के लिए 1,000 हाथियों का इस्तेमाल किया गया था
  • ताज़महल का रंग बदलता है। सुबह देखने पर गुलाबी, रात को दुधिया सफेद और चाँदनी रात को सुनहरा दिखाई देता हैं।
  •  ताजमहल के सभी फव्वारें एक साथ काम करते है। क्योकिं सभी फव्वारों के नीचे एक तांबे का टैंक है ।ये सभी टैंक एक साथ भरते है और दबाव बनने पर एक साथ पानी छोड़ते हैं।
  • 1971 भारत-पाक युद्ध और 9/11 के हमले के बाद ताज़महल को बांस के घेरों से ढक दिया था ताकि ताजमहल को किसी भी प्रकार के नुकसान से बचाया जा सके।
  • कहा जाता है ताजमहल की दीवारों में हीरे मोती से कलाकारी की गई थी ।जिसे अग्रेजो ने निकाल लिया।
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