चांदनी (श्रीदेवी) का फिल्मी सफ़र कैसा था जाने

चांदनी (श्रीदेवी) का फिल्मी सफ़र कैसा था जाने (  )

श्रीदेवी की अदाओं के चर्चे तो देश विदेश तक में फैले हुए थे उन्होंने महज चार साल की उम्र से फिल्मो में काम करना शुरु कर दिया था ।उनका जन्म 13 अगस्त 1963 को तमिलनाडु के एक छोटे से गांव मीनमपट्टी में हुआ था। उनके बचपन का नाम श्री अम्मा यांगर अयप्पन था।

बतौर बाल कलाकार श्रीदेवी पहली बार तमिल फिल्म Thunaivan में नजर आई थीं। वह हिन्दी फिल्मों में काफी बाद में आईं। एक लीड एक्ट्रेस के तौर पर उनकी पहली फिल्म दो बड़े कलाकारों रजनीकांत और कमल हासन के साथ 1976 Moondru Mudichu  में आई थी।

हिंदी में फिल्म फ्लॉप रही

1975 में श्रीदेवी ने फिल्म जूली से बॉलीवुड में अपना सफर शुरू किया, लेकिन एक लीड एक्ट्रेस के तौर पर उनकी पहली बॉलीवुड फिल्म ‘सोलहवां सावन’ थी, जो 1979 में आई थी। इसके चार साल बाद फिल्म ‘हिम्मतवाला’ के लिए उन्हें अभिनेता जीतेन्द्र के साथ साइन किया गया। श्रीदेवी ने 1975 में ‘जूली’ फिल्म में लक्ष्मी की बहन का रोल निभाया था तमिल में फिल्म सुपरहिट रही थी, लेकिन हिंदी में जबरदस्त फ्लॉप रही रही थी।

सबसे बड़ी हिट फिल्म ‘हिम्मतवाला’ थी

श्रीदेवी साउथ में अपनी एक्टिंग का जौहर दिखाती रही फिल्म ‘सदमा.’ में उन्होंने  अपनी याद्दाश्त खोने का किरदार निभाया था ।फिर उसी साल  उनकी फिल्म आई ‘हिम्मतवाला’  जीतेंद्र के साथ उनकी जोड़ी सुपरहिट रही श्रीदेवी के करियर की पहली हिंदी और सबसे बड़ी हिट फिल्म ‘हिम्मतवाला’ थी।

हिंदी तक नहीं आती थी

श्रीदेवी ने जब बॉलीवुड में कदम रखा तो उन्हें हिंदी तक नहीं आती थी और एक्ट्रेस नाज उनके लिए डबिंग करती थीं। लेकिन ‘चांदनी फिल्म जो (1989)आई थी ’ उस फिल्म में पहली बार उन्होंने खुद के लिए डबिंग की और यश चोपड़ा की ये फिल्म सुपरहिट रही थी।

श्रीदेवी की बॉलीवुड जर्नी

हिंदी सिनेमा में उन्होंने ऐसा लंबा सफर तय किया जिसे भुलाया नहीं जा सकता उनकी यादगार फिल्मे जैसे जुली, सोलवां सावन,सदमा, हिम्मतवाला,जाग उठा इंसान, अक्लमंद, इंकलाब, तोहफा, सरफ़रोश, बलिदान, नया कदम, नगीना, घर संसार, नया कदम ,मकसद, सुल्तान, आग और शोला, भगवान, आखरी रास्ता,जांबांज, वतन के रखवाले, जवाब हम देंगे, औलाद, नज़राना,कर्मा, हिम्मत और मेहनत, मिस्टर इंडिया, निगाहें, जोशीले ,गैर क़ानूनी,चालबाज,खुदा गवाह, लम्हे, हीर राँझा, चांदनी, रूप की रानी चोरों का राजा, चंद्रमुखी, चाँद का टुकड़ा,गुमराह,लाडला, आर्मी, जुदाई, हल्ला बोल, इंग्लिश विंग्लिश।

भले ही आज हमारे बीच वो नही है लेकिन  भारतीय सिनेमा में उनका योगदान हमेशा सभी के दिलो में जिंदा रहेगा ।चाहे एक्टिंग हो उनका नाचने का तरीका या फिर उनका चुलबुलापन ये सब उनकी याद हमेशा दिलाता रहेगा।

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