जब स्वर्ग की अप्सरा ने अर्जुन को बना दिया नपुंसक
Urvashi Cursed Arjuna Mahabharata Story - महाभारत का इतिहास अनेकों वीर योद्धाओं के त्याग और समर्पण की महान गाथाओं से भरा हुआ हैं। पितामह भीष्म, घटोत्कच पुत्र बर्बरीक, अभिमन्यु और
Urvashi Cursed Arjuna Mahabharata Story - महाभारत का इतिहास अनेकों वीर योद्धाओं के त्याग और समर्पण की महान गाथाओं से भरा हुआ हैं। पितामह भीष्म, घटोत्कच पुत्र बर्बरीक, अभिमन्यु और
महाभारत के युद्ध से पहले जब द्युत में हारने के कारण पांडवों को 12 वर्ष का वनवास और 1 वर्ष का अज्ञातवास (बिना किसी के पहचान में आए अपरिचित जगह
उज्जैन नगरी यानि के महाकाल की नगरी यहाँ स्तिथ महाकाल ज्योतिर्लिंग शिव जी का तीसरा ज्योतिर्लिंग कहलाता है। यह एक मात्र ज्योतिर्लिंग है जो दक्षिणमुखी है। आज हम आपको पुराणों
महाभारत के युद्ध के बारे में कौन नहीं जानता ये एक ऐसा युद्ध था जिसे न चाहते हुए भी पांडवों को अपने भाइयों के खिलाफ लड़ना पड़ा क्योंकि कौरव गलत
मानो तो भगवान ना मानो तो पत्थर हूँ, हिंदी के इस मुहावरे का ठीक मतलब इस कहानी से सिद्ध हो जाता हैं जो की आप नीचे पढ़ने जा रहे हैं.... एक
एक बार श्रीकृष्ण और अर्जुन वार्तालाप करते हुए नगर की ओर भ्रमण के लिए निकले। मार्ग में उन्हें एक ब्राह्मण भिक्षा मांगते हुए दिखाई पड़ा। निर्धन ब्राह्मण की दशा देखकर अर्जुन
यह तो हम सभी जानते है की भगवान शिव के दो पुत्र थे कार्तिकेय और गणेश, जहां गणेश के दो विवाह हुए वहीं कार्तिकेय ने विवाह न करने का निर्णय
हम सभी जानते हैं कि महाभारत के युद्ध में श्री कृष्ण ने अर्जुन का सारथी बन पुरे युद्ध में अर्जुन का मार्गदर्शन किया। जिस कारण यह धर्मयुद्ध अर्जुन और पांडवो
श्री कष्ण हिंदू धर्म के संपूर्ण अवतार कहे जाते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि श्री कृष्ण की मृत्यु् कैसे हुई थी? कैसे उनके यदुवंश का नाश हुआ? आइए
क्षत्रिय होते हुए भी कर्ण ने अपना पूरा जीवन सूतपुत्र के रूप में बिताया, कर्ण के पिता भगवान सूर्य और माता कुंती थी लेकिन फ़िर भी कर्ण को वो सम्मान