पति-पत्नी में हमेशा रहता है विवाद, एक बार जरूर पढ़ें ये किस्सा

Socrates And His Fretful Wife Story Guru shishya story
Socrates And His Fretful Wife Story in Hindi

पति-पत्नी का रिश्ता ही कुछ ऐसा होता है जिसमे दो अजनबी जीवन भर संग रहने का वचन विवाह बंधन में बंधते समय एक दूसरे से करते हैं। लेकिन आजकल देखने मे आता हैं कि छोटी-छोटी बातों पर क्रोध के कारण पति-पत्नी में अक्सर झगड़े होते रहते हैं।

व्यक्ति क्रोध में कभी कभी ऐसी बाते भी बोल देता है जो जीवन भर शूल की तरह चुभती रहती हैं। क्रोध से और एक दूसरे की गलतियां निकालने से कभी भी जीवन मे सुलह नही हो सकती।

यदि आप गृहस्थ जीवन मे खुशहाली चाहते हैं तो जितना हो सके शांति बनाए रखें। किसी एक को गुस्सा आये तो दूसरे को शांत रहकर बात को संभालना चाहिए न कि एक दूसरे की गलतियां निकालकर बात को बढ़ाना चाहिए।

आइये महान दार्शनिक सुकरात के गृहस्थ जीवन से जुड़े एक प्रसंग से समझते हैं। किस तरह हमेशा गुस्से में रहने वाली पत्नी को सुकरात ने अपने सहनशील स्वभाव से शांत किया।

यूनान के महान दार्शनिक सुकरात के व्यवहार में अहंकार और क्रोध के लिए कोई जगह नही थी। अत्यंत सहज, सहनशील और विनम्र स्वभाव उनकी लोकप्रियता का एक विशेष कारण था। विनम्र स्वभाव वाले महान सुकरात की पत्नी बहुत गुस्से वाली थी। छोटी-छोटी बातों को लेकर लड़ना उनकी आदत थी। लेकिन सुकरात हमेशा शांत रहते। पत्नी के तानो का भी कोई जवाब नही देते, अति होने पर भी उनके स्वभाव में शांति ज्यो की त्यों बनी रहती।

गर्मी का मौसम था। एक बार सुकरात अपने शिष्यों के साथ घर के बाहर बैठे थे। शिष्यों के साथ किसी महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा चल रही थी। तभी घर के भीतर से उनकी पत्नी ने आवाज लगाई लेकिन सुकरात अपने शिष्यों के साथ चर्चा में इतने खोए हुए थे कि उनको पत्नी की आवाज सुनाई नही दी। पत्नी ने सुकरात को कई बार पुकारा लेकिन सुकरात की तरफ से कोई जवाब नही मिला। अब तो पत्नी के गुस्से की सीमा न रही।

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पत्नी ने शिष्यों के सामने ही पानी से भरा घड़ा सुकरात के ऊपर फेक दिया। ये सब देखकर शिष्यों को बहुत बुरा लगा। सुकरात शिष्यों की भावना समझ गए। उन्होंने शांत स्वर में कहा – देखो मेरी पत्नी कितनी करुणामयी है। इस भीषण गर्मी में मेरे ऊपर पानी डालकर मुझे शीतलता प्रदान करने की कृपा की।
गुरु की ऐसी सहनशीलता देख शिष्यों ने श्रद्धा से नमन किया। इस तरह पत्नी का क्रोध भी बिना कोई जवाब दिए शांत हो गया।

गुस्से का जवाब शांति से देने पर बड़े से बड़े विवाद की स्थिति को भी खत्म किया जा सकता हैं।

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