ये डायलॉग्स हर दुकानदार अक्सर अपने ग्राहकों से बोलता है

रोजी की कसम इतने की खरीद भी नहीं…

खरीदारी करते वक़्त अक्सर आपका पाला जरूर उस तरह के दुकानदारों से पड़ा होगा जो अपने सामान को बड़ी ही चालाकी से बढ़ा चढ़ा कर ग्राहकों को बेचने की पूरी कोशिश करते हैं। फिक्स रेट है “मैडम”, ये डायलॉग तो आपने हर दुकानदार के मुँह से सुना होगा और जब हर कोशिश के बाद भी ग्राहक ना माने तो फ़िर ये वाला डायलॉग – “मैडम! रोजी की कसम कुछ नहीं बच रहा।” अब इतना इमोशनल अत्याचार ग्राहक पर करोगे तो उसे पिघल ही जाना हैं ।

ऐसे ही कुछ मज़ेदार डायलॉग नीचे देखिए जो कि अक्सर आपको बाज़ार में कभी न कभी सुनने को मिल ही जाते हैं।

अपने सामान की तारीफ करने का तरीका देखिए

इससे बढ़िया और सस्ता कही नहीं मिलेगा

एक दाम की दुकान

फिक्स रेट है “मैडम”

मसका लगाने की कोशिश

अब आपसे क्या मोल-भाव 2-4 रुपये कम दे देना

डिस्काउंट सिर्फ आपके लिए

आपके लिए पहले से ही डिस्काउंट कर दिया।

ऐसा माल सिर्फ इन्ही के पास

ऐसा माल पुरे बाजार में ढूंढने पर भी नहीं मिलेगा। कही नहीं मिलेगा.

सब बिक गया

ये आखिरी पीस बचा हैं। कल ही माल आया था और सब बिक गया।

क्योंकि मैं कभी झूठ नहीं बोलता…

बोहनी का टाइम हैं, झूठ नहीं बोलूंगा

इमोशनल अत्यचार

रोजी की कसम इतने की खरीद भी नहीं…

आखरी दाव

अच्छा चलो न आपकी न मेरी इतने दे दो…

हम हैं ना..

अरे मैडम! गारंटी की क्या जरूरत, हम नहीं बैठे क्या..

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